58वां ज्ञानपीठ पुरस्कार 2023

  • 19 Feb 2024

संस्कृत विद्वान जगद्गुरु रामभद्राचार्य तथा प्रसिद्ध उर्दू गीतकार गुलजार को 58वें ज्ञानपीठ पुरस्कार (2023) के लिए चयनित किया गया है।

  • गुलजार के नाम से प्रसिद्ध संपूर्ण सिंह कालरा हिंदी सिनेमा में अपने कार्य के लिए पहचाने जाते हैं और वर्तमान समय के लोकप्रिय उर्दू कवियों में से एक हैं।
  • इससे पहले गुलजार को उर्दू में अपने कार्य के लिए 2002 में साहित्य अकादमी पुरस्कार, 2013 में दादा साहब फाल्के पुरस्कार, 2004 में पद्म भूषण और कई राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार मिल चुके हैं।
  • रामभद्राचार्य रामानंद संप्रदाय के वर्तमान 4 जगद्गुरु रामानंदाचार्यों में से एक हैं और 1982 से इस पद पर बने हुए हैं। वे चित्रकूट में तुलसी पीठ के प्रमुख हैं।
  • 22 भाषाओं पर अधिकार रखने वाले रामभद्राचार्य ने संस्कृत, हिंदी, अवधी और मैथिली सहित कई भारतीय भाषाओं में रचनाओं का सृजन किया है। 2015 में उन्हें पद्म विभूषण पुरस्कार मिला था।
  • वर्ष 1961 में स्थापित ज्ञानपीठ पुरस्कार भारतीय साहित्य में उत्कृष्ट योगदान के लिए प्रति वर्ष प्रदान किया जाता है।
  • इसके अंतर्गत 21 लाख रुपये की पुरस्कार राशि, वाग्देवी की एक प्रतिमा और एक प्रशस्ति-पत्र प्रदान किया जाता है।