राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में पटाखों पर पूर्ण प्रतिबंध का आदेश
- 07 May 2025
6 मई, 2025 को, भारत के सर्वोच्च न्यायालय ने उत्तर प्रदेश, राजस्थान और हरियाणा की सरकारों को राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (NCR) में पटाखों के निर्माण, बिक्री, भंडारण (जिसमें ऑनलाइन डिलीवरी भी शामिल है) और उपयोग पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने का स्पष्ट निर्देश दिया। न्यायालय ने यह भी चेतावनी दी कि यदि इस आदेश का अनुपालन नहीं किया जाता है, तो संबंधित अधिकारियों और संस्थाओं के खिलाफ अवमानना की कार्रवाई की जाएगी।
आदेश के मुख्य बिंदु:
- प्रतिबंध का विस्तृत दायरा: यह पूर्ण प्रतिबंध NCR के सभी क्षेत्रों में सभी प्रकार के पटाखों पर लागू होता है। इसमें पटाखों का निर्माण, उनकी बिक्री, भंडारण (ऑनलाइन माध्यमों सहित) और उन्हें जलाना शामिल है। विशेष रूप से, इस प्रतिबंध में 'ग्रीन पटाखे' भी शामिल हैं।
- कानूनी आधार: यह आदेश पर्यावरण संरक्षण अधिनियम, 1986 की धारा 5 के तहत जारी किया गया है। यह धारा केंद्र सरकार को पर्यावरण की सुरक्षा और सुधार के लिए राज्यों को आवश्यक निर्देश जारी करने का अधिकार प्रदान करती है।
- कार्यान्वयन की जिम्मेदारी और दंड: सर्वोच्च न्यायालय ने सभी संबंधित राज्यों को निर्देश दिया है कि वे अपने-अपने कानून प्रवर्तन तंत्र का उपयोग करके इस प्रतिबंध को सख्ती से लागू करें। इसके अतिरिक्त, उन्हें इस प्रतिबंध का व्यापक प्रचार करने और इसके उल्लंघन पर लागू होने वाले दंडों के बारे में जनता को सूचित करने का भी आदेश दिया गया है।
- अवमानना की कड़ी चेतावनी: न्यायालय ने स्पष्ट रूप से चेतावनी दी है कि यदि किसी भी राज्य के अधिकारी या संस्था द्वारा इस आदेश का पालन नहीं किया जाता है, तो उनके खिलाफ न्यायालय की अवमानना अधिनियम, 1971 के तहत कड़ी कार्रवाई की जा सकती है।
- प्रतिबंध की निरंतरता: उल्लेखनीय है कि सुप्रीम कोर्ट ने पहले भी, 3 अप्रैल, 2025 को NCR में पूरे वर्ष पटाखों पर प्रतिबंध लगाने का आदेश दिया था। न्यायालय ने स्पष्ट किया था कि यह प्रतिबंध केवल त्योहारों तक सीमित नहीं रहेगा।
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