पारंपरिक चिकित्सा के क्षेत्र में WHO के साथ भारत की साझेदारी
- 26 May 2025
25 मई, 2025 को आयुष मंत्रालय और विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के बीच पारंपरिक चिकित्सा प्रणालियों की वैश्विक स्थिति को बदलने के लिए एक महत्वपूर्ण समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए।
मुख्य तथ्य:
- समझौते का उद्देश्य: यह समझौता इंटरनेशनल क्लासिफिकेशन ऑफ हेल्थ इंटरवेंशन्स (ICHI) के तहत एक समर्पित पारंपरिक चिकित्सा मॉड्यूल पर काम की शुरुआत को चिह्नित करता है।
- ICHI और ICD-11 का पूरक: ICHI, WHO के इंटरनेशनल क्लासिफिकेशन ऑफ डिजीज (ICD-11) का पूरक है, जो उपचारों और स्वास्थ्य हस्तक्षेपों का दस्तावेजीकरण करता है। पारंपरिक चिकित्सा मॉड्यूल के शामिल होने से आयुर्वेद, योग, सिद्ध और यूनानी प्रणालियों की चिकित्सा पद्धतियों को अब विश्व स्तर पर मानकीकृत शब्दों में मान्यता मिलेगी।
- लाभ: इस समझौते से आयुष सेवाओं के लिए पारदर्शी बिलिंग और उचित मूल्य निर्धारण, स्वास्थ्य बीमा कवरेज में आयुष उपचारों का सुचारू एकीकरण, बेहतर अस्पताल प्रबंधन, नैदानिकदस्तावेजीकरण और स्वास्थ्य अनुसंधान, और सबसे महत्वपूर्ण रूप से, आयुष हस्तक्षेपों तक अधिक वैश्विक पहुंच जैसे कई लाभ होंगे।
- समग्र प्रभाव: ICD-11 (रोगों के लिए) और नए ICHI मॉड्यूल (हस्तक्षेपों के लिए) का संयुक्त प्रभाव यह सुनिश्चित करेगा कि आयुष वैश्विक स्वास्थ्य सेवा प्रणालियों का एक अभिन्न, साक्ष्य-आधारित और नीति-मान्यता प्राप्त हिस्सा बन जाए।
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