पवन ऊर्जा के उत्पादन में कर्नाटक में सबसे तेज़ वृद्धि
- 16 Jun 2025
15 जून 2025 को, ग्लोबल विंड डे 2025 के अवसर पर बेंगलुरु में आयोजित समारोह में घोषणा की गई कि कर्नाटक ने वित्त वर्ष 2024-25 में 1,331.48 मेगावाट (MW) नई पवन ऊर्जा क्षमता जोड़कर देश में पहला स्थान हासिल किया है।
मुख्य तथ्य:
- राज्य की कुल विंड पावर क्षमता: कर्नाटक की कुल स्थापित पवन ऊर्जा क्षमता अब 7,351 MW हो गई है, जो पिछले वर्ष की तुलना में 22.13% वृद्धि है।
- राष्ट्रीय स्तर पर स्थान: कर्नाटक विंड पावर वृद्धि में देश में शीर्ष पर रहा; तमिलनाडु (1,136.37 MW) और गुजरात (954.76 MW) क्रमशः दूसरे और तीसरे स्थान पर रहे।
- राष्ट्रीय लक्ष्य: भारत की कुल स्थापित पवन ऊर्जा क्षमता मई 2025 तक 51.5 GW (51,500 MW) पहुंच गई है, जिससे भारत विश्व में चौथा सबसे बड़ा विंड पावर उत्पादक है; 2030 तक 500 GW नवीकरणीय ऊर्जा और 100 GW पवन ऊर्जा का लक्ष्य है।
- राज्य की आगामी योजनाएं: कर्नाटक ने 2025 ग्लोबल इन्वेस्टर्स मीट में ₹4 लाख करोड़ के निवेश समझौते किए हैं (राज्य के कुल निवेश का 40%); 17 GW नई पवन परियोजनाओं की तैयारी, जिसमें 5 GW रिन्यूएबल एनर्जी क्लस्टर प्रोग्राम के तहत प्रस्तावित है।
- इन्फ्रास्ट्रक्चर विकास: राज्य में 20 से अधिक नए सबस्टेशन और 400 KV कॉरिडोर स्थापित किए जा रहे हैं, जिससे ग्रिड क्षमता और स्थिरता बढ़ेगी।
- निर्यात और विनिर्माण: भारत ने 2024-25 में 3.5-4 GW विंड टर्बाइन और मॉड्यूल का निर्यात किया है; घरेलू विनिर्माण और प्रतिस्पर्धी टैरिफ पर विशेष बल दिया जा रहा है।
- भविष्य की चुनौतियां: 24x7 बिजली आपूर्ति, ग्रिड स्थिरता, और विंड-सोलर-पम्प्ड स्टोरेज सिस्टम का एकीकरण आवश्यक है; ट्रांसमिशन नेटवर्क में सुधार और घरेलू विनिर्माण को बढ़ावा देने की आवश्यकता है।
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