ISRO-NASA का संयुक्त उपग्रह निसार
- 22 Jul 2025
30 जुलाई, 2025 को ISRO और NASA द्वारा संयुक्त रूप से विकसित पृथ्वी अवलोकन उपग्रह निसार (NISAR) का प्रक्षेपण श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से GSLV-F16 रॉकेट द्वारा किया जाएगा।
मुख्य तथ्य:
- प्रक्षेपण तिथि और स्थान: 30 जुलाई 2025 को भारतीय समयानुसार शाम 5:40 बजे, श्रीहरिकोटा से GSLV-F16 रॉकेट द्वारा उपग्रह को 743 किमी की सन सिंक्रोनस कक्षा में स्थापित किया जाएगा।
- उपग्रह की विशेषताएँ: NISAR एक द्वि-आवृत्ति सिंथेटिक अपर्चर रडार (Dual-frequency SAR) उपग्रह है, जिसमें NASA का L-बैंड और ISRO का S-बैंड शामिल हैं, जो 12 मीटर के अनफ़र्लेबल मेश रिफ्लेक्टर एंटेना से लैस है।
- कार्यप्रणाली और उद्देश्य: यह उपग्रह पूरी पृथ्वी का 12 दिनों में एक चक्कर लगाता है और दिन-रात, किसी भी मौसम में उच्च-रिज़ॉल्यूशन डाटा एवं सतह के सूक्ष्म परिवर्तनों की जानकारी प्रदान करेगा, जैसे समुद्री बर्फ, वनस्पति, तूफान मॉनिटरिंग, मिट्टी की नमी व सतही जल का मानचित्रण।
- मिशन अवधि और डाटा उपलब्धता: मिशन की बुनियादी अवधि तीन वर्ष है, अंतर्निहित डाटा एक-दो दिनों में फ्री एवं खुला उपलब्ध होगा, आपदा जैसी आपात स्थिति में यह डाटा कुछ घंटों में भी उपलब्ध होगा।
- मिशन लागत और महत्व: कुल लागत लगभग 1.5 अरब अमेरिकी डॉलर; यह दुनिया का पहला ऐसा उपग्रह होगा जो दो आवृत्तियों में रडार इमेजिंग करेगा, जिससे पृथ्वी के प्राकृतिक परिवर्तनों, पारिस्थितिकी, प्राकृतिक आपदाओं पर बेहतर निगरानी संभव होगी।
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