आईएमएफ ने भारत के राष्ट्रीय लेखा आंकड़ों को 'सी' ग्रेड दिया
- 28 Nov 2025
27 नवंबर, 2025 को अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) की वार्षिक समीक्षा में भारत के राष्ट्रीय लेखा आंकड़ों (जीडीपी और जीवीए सहित) को 'सी' ग्रेड दिया गया, जो दूसरा सबसे निम्न स्तर है।
मुख्य तथ्य:
- ग्रेड का अर्थ: 'सी' ग्रेड का मतलब है कि उपलब्ध आंकड़ों में कुछ कमियां हैं जो निगरानी को कुछ हद तक बाधित करती हैं।
- आधार वर्ष पुराना: 2011-12 का पुराना आधार वर्ष, थोक मूल्य सूचकांक का डिफ्लेटर के रूप में उपयोग तथा उत्पादक मूल्य सूचकांक का अभाव।
- जीडीपी में विसंगतियां: उत्पादन और व्यय पद्धति के बीच महत्वपूर्ण विसंगतियां, जो व्यय पद्धति के कवरेज और अनौपचारिक क्षेत्र में सुधार की आवश्यकता दर्शाती हैं।
- मौसमी समायोजन का अभाव: तिमाही राष्ट्रीय लेखा आंकड़ों में मौसमी समायोजन डेटा तथा अन्य सांख्यिकीय तकनीकों में सुधार की गुंजाइश।
- सीपीआई ग्रेड: उपभोक्ता मूल्य सूचकांक को 'बी' ग्रेड मिला, जिसमें 2011-12 का पुराना आधार, वस्तुओं की टोकरी तथा भारण शामिल हैं।
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