भारत पर अमेरिकी चावल टैरिफ की धमकी
- 10 Dec 2025
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने 9 दिसंबर 2025 को आरोप लगाया कि भारत अमेरिकी बाज़ार में चावल का ‘डम्पिंग’ कर रहा है, और उन्होंने भारतीय चावल पर नए टैरिफ लगाने की धमकी दी। इसी बीच, अमेरिकी वार्ताकार दो-दिवसीय व्यापार वार्ता के लिए नई दिल्ली आ रहे हैं।
मुख्य तथ्य:
- मौजूदा टैरिफ: अमेरिका पहले से ही भारत पर 50% तक का टैरिफ लगा चुका है, जो किसी भी देश पर सबसे अधिक है।
- ट्रंप की टिप्पणी: व्हाइट हाउस के गोलमेज संवाद में लुइज़ियाना के किसान प्रतिनिधि ने भारत, चीन, थाईलैंड द्वारा चावल डम्पिंग की बात कही; ट्रंप ने विशेष रूप से भारत का नाम लेते हुए पूछा कि “क्या भारत को चावल पर छूट है? उन्हें टैरिफ देना होगा, टैरिफ दो मिनट में समस्या हल कर देते हैं।”
- IREF की प्रतिक्रिया: इंडियन राइस एक्सपोर्टर्स फेडरेशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रेम गर्ग ने कहा कि भारत का चावल निर्यात WTO व द्विपक्षीय नियमों के अनुरूप है; अमेरिका को केवल बासमती व उसकी वैराइटीज़ निर्यात होती हैं और 50% टैरिफ के बावजूद भारतीय किसानों/निर्यातकों को नुकसान नहीं हुआ, क्योंकि ये निर्यात मुख्यतः प्रवासी समुदाय की मांग पर आधारित हैं।
- GTRI का विश्लेषण: GTRI के अजय श्रीवास्तव के अनुसार, FY2025 में भारत ने अमेरिका को 392 मिलियन डॉलर मूल्य का चावल निर्यात किया, जो भारत के वैश्विक चावल निर्यात का मात्र 3% है; इस पर पहले से लगभग 53% प्रभावी टैरिफ है और 86% शिपमेंट प्रीमियम बासमती हैं। नए टैरिफ से अमेरिकी उपभोक्ताओं पर बोझ बढ़ेगा, भारतीय निर्यात पर सीमित असर होगा।
- भारतीय चावल निर्यात संरचना: भारत विश्व का सबसे बड़ा चावल उत्पादक और निर्यातक है। 2024–26 (अप्रैल–मार्च) के दौरान भारत ने 60.65 लाख टन बासमती चावल का निर्यात किया, जिसकी कुल कीमत 5,944.49 मिलियन डॉलर रही; इसमें अमेरिका की हिस्सेदारी मात्र 2.74 लाख टन (337.10 मिलियन डॉलर) रही।
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