11वें UNAOC फ़ोरम: भारत ने ‘वसुधैव कुटुम्बकम्’ दोहराया
- 15 Dec 2025
15 दिसंबर, 2025 को सऊदी अरब के रियाद में आयोजित 11वें संयुक्त राष्ट्र सभ्यताओं के गठबंधन (United Nations Alliance of Civilizations - UNAOC) फ़ोरम में भारत ने वसुधैव कुटुम्बकम् और धार्मिक सद्भाव के आदर्शों के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दोहराई।
मुख्य तथ्य:
- भारतीय प्रतिनिधिमंडल: विदेश मंत्रालय के सचिव के नेतृत्व में भारतीय प्रतिनिधिमंडल ने भाग लिया और UNAOC ‘ ग्रुप्स ऑफ़फ्रेंड्स ’ की उच्च स्तरीय बैठक में भारत का वक्तव्य रखा।
- भारतीय दृष्टिकोण: भारत की सभ्यतागत विरासत, सांस्कृतिक विविधता और ‘सर्व धर्म समभाव’ की दीर्घकालिक आस्था को रेखांकित किया गया, जो सभी धर्मों के प्रति समान सम्मान पर बल देता है।
- संवाद का महत्व: कुमारन ने वैश्विक सौहार्द के लिए संवाद और सहयोग की महत्ता पर जोर दिया, विशेषकर ऐसे समय में जब विश्व में विभाजन और ध्रुवीकरण बढ़ रहा है।
- दो दशक का पड़ाव: UNAOC की स्थापना के 20 वर्ष पूरे होने के अवसर पर आयोजित इस बैठक का उद्देश्य आपसी सम्मान, समझ और स्थायी शांति के प्रति प्रतिबद्धता को ताज़ा करना था।
- संयुक्त राष्ट्र सभ्यता गठबंधन : यह संयुक्त राष्ट्र की एक पहल है, जो 2005 में विभिन्न सभ्यताओं, संस्कृतियों और धर्मों के बीच संवाद बढ़ाने एवं चरमपंथ, भेदभाव और संघर्षों को कम करने हेतु प्रारंभ की गई थी। इसका फोकस शिक्षा, युवा, प्रवासन, मीडिया और धर्म–आधारित संगठनों के साथ साझेदारी पर है, ताकि आपसी समझ, सहिष्णुता और शांति को बढ़ावा दिया जा सके।
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