भारत का ‘2030 तक 100% साक्षरता’ लक्ष्य और बिहार की चुनौती

  • 20 Dec 2025

19 दिसंबर, 2025 को शिक्षा मंत्रालय द्वारा यह बयाया गया कि केंद्र के साक्षरता कार्यक्रम के तहत 2030 तक 100% साक्षरता के लक्ष्य को बिहार की भागीदारी न होने से गंभीर चुनौती का सामना है, जबकि बिहार देश के सर्वाधिक निरक्षरता बोझ वाले राज्यों में से एक है।

मुख्य तथ्य:

  • लक्ष्य और बाधा: केंद्र का लक्ष्य 2030 तक पूर्ण साक्षरता प्राप्त करना है, पर बिहार ULLAS (Understanding Lifelong Learning for All in Society) योजना में भाग लेने को इच्छुक नहीं, जिससे लक्ष्य पर प्रभाव पड़ रहा है।
  • योजना की शुरुआत: ULLAS योजना 2022 में शुरू की गई, जिसका संचालन केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय कर रहा है।
  • राज्यों की स्थिति: अब तक हिमाचल प्रदेश, मिज़ोरम, गोवा, त्रिपुरा और लद्दाख स्वयं को ‘पूर्ण साक्षर’ घोषित कर चुके हैं (राज्य/केंद्र शासित प्रदेश स्तर पर घोषणा)।
  • योजना की प्रक्रिया: राज्यों को 15 वर्ष से अधिक आयु के निरक्षरों की पहचान घर-घर सर्वे के माध्यम से करनी होती है और उन्हें कक्षा 3 स्तर तक की बुनियादी साक्षरता व संख्यात्मक ज्ञान (literacy & numeracy) का प्रशिक्षण ऑनलाइन या ऑफलाइन देना होता है।
  • प्रमाणन तंत्र: प्रशिक्षण के बाद लाभार्थियों को एक परीक्षा देनी होती है; इसे उत्तीर्ण करने पर उन्हें ‘साक्षर’ के रूप में प्रमाणित किया जाता है।
  • ULLAS साक्षरता कार्यक्रम: यह राष्ट्रीय वयस्क शिक्षा/साक्षरता कार्यक्रम है, जो पूर्ववर्ती साक्षर भारत/राष्ट्रीय साक्षरता मिशन का नया रूप है। इसका उद्देश्य 15+ आयु वर्ग के उन वयस्कों को कार्यात्मक साक्षरता व संख्यात्मकता देना है।