भू-खतरा प्रबंधन

  • 21 Jan 2021

रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) ने 20 जनवरी, 2021 को तकनीकी आदान-प्रदान के क्षेत्र में सहयोग को मजबूती देने और स्थायी भू-खतरा प्रबंधन Geo-Hazard management) में सहयोग पर सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय के साथ एक फ्रेमवर्क समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए हैं।

महत्वपूर्ण तथ्य: डीआरडीओ के ‘रक्षा भू-सूचना विज्ञान अनुसंधान प्रतिष्ठान’ (Defence Geo-Informatics Research Establishment- DGRE) विभिन्न प्रकार के इलाकों और हिमस्खलन से निपटने की बेहतर प्रभावशीलता के लिए महत्वपूर्ण तकनीकों के विकास पर काम कर रहा है।

  • DGRE की हिमालयी इलाकों में भूस्खलन एवं हिमस्खलन का मानचित्रण, पूर्वानुमान, नियंत्रण और उससे निपटने में विशेषज्ञता है, जबकि सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय देश भर में राष्ट्रीय राजमार्गों के विकास एवं रखरखाव के लिए जिम्मेदार है।
  • डीआरडीओ के ‘रक्षा भू-सूचना विज्ञान अनुसंधान प्रतिष्ठान’ की विशेषज्ञता का उपयोग देश में विभिन्न राष्ट्रीय राजमार्गों पर भूस्खलन, हिमस्खलन एवं अन्य प्राकृतिक कारणों से होने वाले नुकसान के स्थायी समाधान तलाशने में किए जाने पर सहमति हुई है।
  • सहयोग के लिए पहचाने किए गए कुछ अन्य क्षेत्रों में राष्ट्रीय राजमार्गों पर डिजाइन एवं निर्माण के साथ-साथ सुरंग, निगरानी और शमन उपायों की देखरेख आदि भी शामिल हैं।