उर्वरकों का अत्यधिक उपयोग

  • 10 Feb 2021

केंद्रीय कृषि मंत्री ने 9 फरवरी, 2021 को लोक सभा को उर्वरकों के अत्यधिक उपयोग के बारे में जानकारी दी।

महत्वपूर्ण तथ्य: 'दीर्घकालिक उर्वरक प्रयोगों' (Long Term Fertilizer Experiments) पर अखिल भारतीय समन्वित अनुसंधान परियोजना के तहत निर्धारित स्थानों पर पाँच दशकों तक की गई जाँच से संकेत मिलता है कि अकेले नाइट्रोजनयुक्त उर्वरकों के निरंतर उपयोग से मृदा स्वास्थ्य और फसल उत्पादकता पर हानिकारक प्रभाव से अन्य प्रमुख और सूक्ष्म पोषक तत्वों की कमी दिखाई देती है।

  • 2017-18, 2018-19, 2019-20 और 2020-21 (खरीफ 2020 तक) के दौरान देश में रासायनिक उर्वरकों (उर्वरक उत्पादों जैसे यूरिया, डाई-अमोनियम फॉस्फेट; म्यूरेट ऑफ पोटाश; मिश्रण और सिंगल सुपर फॉस्फेट) की खपत क्रमशः 54.38, 56.21, 59.88 और 33.85 मिलियन टन है।
  • सरकार ने देश में मृदा परीक्षण आधारित उर्वरकों के संतुलित और विवेकपूर्ण अनुप्रयोग को बढ़ावा देने के लिए एक ‘राष्ट्रीय मृदा स्वास्थ्य कार्ड मिशन’ शुरू किया है।
  • इसी प्रकार, देश में परंपरागत कृषि विकास योजना (PKVY) और उत्तर पूर्व क्षेत्र के लिए जैविक मूल्य शृंखला विकास मिशन (MOVCD-NER) के तहत जैविक खेती को बढ़ावा दिया जा रहा है।