रेशम क्षेत्र में कृषि वानिकी

  • 08 Mar 2021

( 07 March, 2021, , www.pib.gov.in )


वस्त्र मंत्रालय के अंतर्गत आने वाले केन्द्रीय रेशम बोर्ड और कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय ने 7 मार्च, 2021 को पहले से लागू ‘कृषि वानिकी पर उप-मिशन’(Sub-Mission on Agroforestry- SMAF) योजना के तहत ‘रेशम क्षेत्र में कृषि वानिकी’ के कार्यान्वयन के लिए एक अभिसरण मॉडल पर एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए।

उद्देश्य: कृषि वानिकी मॉडल पर आधारित रेशम उत्पादन के लिए किसानों को प्रोत्साहन देना।

महत्वपूर्ण तथ्य: रेशम क्षेत्र में भागीदारी को औपचारिक रूप देने की पहल में विशेष रूप से रेशम के कीड़ों का पोषण करने वाले पौधों- शहतूत, आसन, अर्जुन, सोम, सोलु, केसरू, बड़ा केसरू, फांट आदि को कृषि भूमियों पर ब्लॉक वृक्षारोपण (block plantations) या सीमा या परिधीय वृक्षारोपण (border or peripheral plantations) के रूप में इनकी खेती को बढ़ावा देने के लिए लक्षित किया गया है।

कृषि वानिकी पर उप-मिशन: राष्ट्रीय कृषि वानिकी नीति 2014 की सिफारिशों के तहत कृषि, सहकारिता और कृषक कल्याण विभाग 2016-17 से ही इस मिशन को कार्यान्वित कर रहा है।

  • भारत इस तरह की समग्र नीति वाला पहला देश था, जिसने फरवरी 2014 में दिल्ली में हुई विश्व कृषि वानिकी कांग्रेस में इसका शुभारंभ किया था।
  • वर्तमान में, इस योजना को 20 राज्यों और 2 केंद्र- शासित क्षेत्रों में कार्यान्वित किया जा रहा है।
  • इस मिशन का उद्देश्य जलवायु लचीलापन और किसानों को आय के अतिरिक्त स्रोत मुहैया कराने के साथ-साथ लकड़ी आधारित व औषध उद्योग के लिए कच्चे माल की उपलब्धता बढ़ाने के लिए कृषि फसलों के साथ बहुउद्देश्यीय पेड़ लगाने के लिए किसानों को प्रोत्साहित करना है।