श्रवण विकार पर पहली वैश्विक रिपोर्ट

  • 15 Mar 2021

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) द्वारा 2 मार्च, 2021 को ‘श्रवण विकार पर पहली वैश्विक रिपोर्ट’ (First World Report on Hearing) जारी की गई।

महत्वपूर्ण तथ्य: वर्ष 2050 तक विश्व भर में लगभग 2.5 अरब लोग (या प्रत्येक 4 में से 1 व्यक्ति) कुछ हद तक श्रवण क्षमता में कमी का सामना कर रहे होंगे।

  • यदि समय रहते कोई ठोस कार्रवाई नहीं की जाती है तो इनमें से कम-से-कम 700 मिलियन लोगों को कान और श्रवण क्षमता से जुड़ी देखभाल तथा अन्य पुनर्वास सेवाओं तक पहुँच की आवश्यकता होगी।

निम्न-आय वाले देशों में विशेषज्ञों की कमी: लगभग 78% निम्न-आय वाले देशों में एक 'नाक, कान, और गला (ENT) रोग विशेषज्ञ पर एक मिलियन से अधिक आबादी है। 93% में प्रति ऑडियोलॉजिस्ट पर आबादी का अनुपात लगभग एक मिलियन है।

  • केवल 17% में प्रति मिलियन आबादी पर एक या एक से अधिक स्पीच थेरेपिस्ट (Speech Therapist) हैं।
  • 50% में प्रति मिलियन आबादी पर श्रवण बाधित लोगों के लिये एक या एक से अधिक शिक्षक हैं।

भारत की स्थिति: भारत में प्रतिवर्ष 27,000 से अधिक बच्चे बहरे पैदा होते हैं। श्रवण विकलांगता को प्राय: अनदेखा कर दिया जाता है और ज्यादातर मामलों में निदान में देरी कर दी जाती है।

  • भारत में 2006 में शुरू किए गए ‘राष्ट्रीय बधिरता रोकथाम और नियंत्रण कार्यक्रम’ में श्रव्य निशक्तता हानि से पीड़ित और उपचार की जरूरतमंद 6% आबादी को लक्ष्य किया गया है।