राष्ट्रीय औषधीय पादप बोर्ड और राष्ट्रीय वनस्पति अनुसंधान संस्थान

  • 08 Jun 2021

राष्ट्रीय औषधीय पादप बोर्ड (NMPB) और राष्ट्रीय वनस्पति अनुसंधान संस्थान (CSIR-NBRI) ने भारत में औषधीय पौधों और जड़ी-बूटियों की खेती और उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए संयुक्त सहयोगात्मक प्रयासों को बढ़ाने के लिए 4 जून, 2021 को एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए।

  • एमओयू NMPB द्वारा पहचाने गए औषधीय पौधों और जड़ी-बूटियों की गुणवत्ता रोपण सामग्री (Quality Planting Material- QPM) के विकास की सुविधा प्रदान करेगा तथा गुणवत्ता रोपण सामग्री के लिए उनकी नर्सरी की स्थापना, बहुत ऊंचाई वाले क्षेत्रों के लिए संकटग्रस्त औषधीय पौधों की प्रजातियों और पौधों सहित विभिन्न कृषि-जलवायु क्षेत्रों में उपयुक्त औषधीय पौधों के विकास, संवर्धन, संरक्षण और खेती में मदद करेगा।

राष्ट्रीय वनस्पति अनुसंधान संस्थान: यह लखनऊ में स्थित CSIR का एक शोध संस्थान है। मूल रूप से उत्तर प्रदेश राज्य सरकार द्वारा राष्ट्रीय वनस्पति उद्यान (NBG) के रूप में स्थापित किया गया था, इसे 1953 में CSIR द्वारा अधिग्रहित किया गया था। 1978 में NBG का नाम बदलकर राष्ट्रीय वनस्पति अनुसंधान संस्थान कर दिया गया।

  • वर्तमान राष्ट्रीय वनस्पति अनुसंधान संस्थान की उत्पत्ति अवध के नवाबों के युग से हुई है, जब नवाब सआदत अली खान ने 1800 ई. में एक शाही उद्यान की स्थापना की थी। बाद में इस उद्यान को अवध के अंतिम नवाब वाजिद अली शाह द्वारा ‘सिकंदर बाग’ नाम दिया गया था।

राष्ट्रीय औषधीय पादप बोर्ड: औषधीय पौधों के क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए, भारत सरकार ने 24 नवंबर, 2000 को राष्ट्रीय औषधीय पादप बोर्ड की स्थापना की है। वर्तमान में बोर्ड आयुष मंत्रालय के अंतर्गत कार्य करता है।