वन अधिकार अधिनियम कार्यान्वयन हेतु संयुक्त पत्र

  • 08 Jul 2021

पर्यावरण और जनजातीय कार्य मंत्रालयों द्वारा वन अधिकार अधिनियम के अधिक प्रभावी कार्यान्वयन के लिए 6 जुलाई, 2021 को संयुक्त पत्र पर हस्ताक्षर किए गए।

महत्वपूर्ण तथ्य: राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों को संबोधित संयुक्त पत्र, वन अधिकार अधिनियम, 2006 के अधिक प्रभावी कार्यान्वयन और ‘वनवासी अनुसूचित जनजातियों’ और ‘अन्य पारंपरिक वनों के निवासियों’ की आजीविका में सुधार की क्षमता का दोहन करने से संबंधित है।

  • आदिवासी और अन्य वनवासी जैव विविधता के संरक्षण, पर्यावरण संरक्षण और वन क्षेत्र को बढ़ाने के माध्यम से जलवायु परिवर्तन की दिशा में किए जा रहे प्रयासों में महत्वपूर्ण योगदान दे सकते हैं।

जनजातीय क्षेत्रों के विकास के लिए सरकार के प्रयास: स्वीकृत एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालयों की संख्या बढ़कर 620 हो गई है।

  • इसी प्रकार, वन धन योजना का शुभारंभ और पिछले कुछ वर्षों में न्यूनतम समर्थन मूल्य की श्रेणी में लघु वन उत्पादों (minor forest produce) की संख्या को 10 से बढ़ाकर 86 किये जाने के कदम से अनुसूचित जनजाति के लोगों को अपनी आय और आजीविका की संभावनाओं को बेहतर करने में काफी मदद मिली है।