भारत का पहला मानव युक्त समुद्र मिशन ‘समुद्रयान’
- 03 Nov 2021
 
केन्द्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने 29 अक्टूबर, 2021 को भारत का पहला और अनूठा मानव युक्त समुद्र मिशन ‘समुद्रयान’ चेन्नई से लॉन्च किया।

(Image Source: https://timesofindia.indiatimes.com/)
महत्वपूर्ण तथ्य: 'समुद्रयान' दुर्लभ खनिजों के लिए गहरे समुद्र में खनन के लिए पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय की पायलट परियोजना का एक हिस्सा है।
राष्ट्रीय महासागर प्रौद्योगिकी संस्थान (NIOT) चेन्नई द्वारा शुरू की गई ‘समुद्रयान’ परियोजना में गहरे पानी के भीतर अध्ययन करने के लिए लगभग 6000 मीटर की गहराई तक तीन व्यक्तियों के साथ एक पनडुब्बी भेजने का प्रस्ताव है।
यह 350 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत की पांच साल की परियोजना है।
इसके लिए मानवयुक्त पनडुब्बी ‘मत्स्य 6000’ का प्रारंभिक डिजाइन तैयार कर लिया गया है।
यह विशिष्ट प्रौद्योगिकी समुद्र में 1000 से 5500 मीटर की गहराई में पाए जाने वाले पॉलिमेटेलिक मैंगनीज नोड्यूलस (polymetallic manganese nodules), गैस हाइड्रेट्स, हाइड्रो-थर्मल सल्फाइड्स और कोबाल्ट क्रस्ट जैसे निर्जीव संसाधनों के अन्वेषण की दिशा में सुविधा प्रदान करेगी।
अमेरिका, रूस, जापान, फ्रांस और चीन के बाद भारत भी उस विशिष्ट समूह में शामिल हो गया है, जिनके पास समुद्र के अंदर की गतिविधियों के लिए मानव युक्त मिशन चलाने की क्षमता है।
सामयिक खबरें
- राजनीति और प्रशासन
 - अवसंरचना
 - आंतरिक सुरक्षा
 - आदिवासियों से संबंधित मुद्दे
 - कमजोर वर्गों के लिए कल्याणकारी योजनाएँ
 - कार्यकारी और न्यायपालिका
 - कार्यक्रम और योजनाएँ
 - कृषि
 - गरीबी और भूख
 - जैवविविधता संरक्षण
 - पर्यावरण
 - पर्यावरण प्रदूषण, गिरावट और जलवायु परिवर्तन
 - पारदर्शिता और जवाबदेही
 - बैंकिंग व वित्त
 - भारत को प्रभावित करने वाले द्विपक्षीय, क्षेत्रीय और वैश्विक समूह
 - भारतीय अर्थव्यवस्था
 - रक्षा और सुरक्षा
 - राजव्यवस्था और शासन
 - राजव्यवस्था और शासन
 - रैंकिंग, रिपोर्ट, सर्वेक्षण और सूचकांक
 - विज्ञान और प्रौद्योगिकी
 - शिक्षा
 - सरकार की नीतियां और हस्तक्षेप
 - सांविधिक, विनियामक और अर्ध-न्यायिक निकाय
 - स्वास्थ्य से संबंधित मुद्दे
 




