पीएसएलवी-सी52 मिशन

  • 18 Feb 2022

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने 14 फरवरी, 2022 को श्रीहरिकोटा में सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र के पहले लॉन्च पैड से ध्रुवीय उपग्रह प्रक्षेपण यान 'पीएसएलवी-सी52' (PSLV-C52) को सफलतापूर्वक लॉन्च किया। पीएसएलवी-सी52 मिशन में तीन उपग्रह अंतरिक्ष में भेजे गए।

(Image Source: https://www.isro.gov.in/)

महत्वपूर्ण तथ्य: पीएसएलवी सी-52 में पृथ्वी अवलोकन उपग्रह 'ईओएस-04' (EOS - 04), इसरो का एक प्रौद्योगिकी प्रदर्शक उपग्रह 'आईएनएस-2टीडी' (INS-2TD) और एक छात्र उपग्रह 'इंस्पायरसैट-1' (INSPIREsat-1) है।

  • इन तीनों उपग्रहों को 529 किमी की सूर्य-तुल्यकालिक ध्रुवीय कक्षा (sun-synchronous polar orbit) में सफलतापूर्वक प्रवेश कराया गया।
  • पीएसएलवी सी-52 पीएसएलवी की 54वीं उड़ान थी और पीएसएलवी-एक्सएल कॉन्फिगरेशन (PSLV-XL configuration) का उपयोग करने वाला 23वां मिशन था।
  • यह इसरो का वर्ष 2022 का पहला प्रक्षेपण है और नए अध्यक्ष एस सोमनाथ के कार्यकाल में पहला मिशन है।

ईओएस-04: लगभग 1710 किलोग्राम वजन के इस रडार इमेजिंग सैटेलाइट का मिशन काल (mission life) 10 साल है।

  • इसे कृषि, वानिकी और वृक्षारोपण, मिट्टी की नमी और जल विज्ञान और बाढ़ मानचित्रण जैसे अनुप्रयोगों के लिए सभी मौसम स्थितियों के तहत उच्च गुणवत्ता वाली तस्वीरें प्रदान करने के लिए डिजाइन किया गया है।
  • उपग्रह सी-बैंड में पृथ्वी अवलोकन आंकड़ों को एकत्र करेगा और रिसोर्ससैट, कार्टोसैट शृंखला और RISAT-2B शृंखला के आंकड़ों का पूरक होगा।

आईएनएस-2टीडी: यह एक प्रौद्योगिकी प्रदर्शक उपग्रह है, जिसे भारत व भूटान के संयुक्त उपग्रह INS 2-B के पहले विकसित कर भेजा गया है।

  • इसमें एक थर्मल इमेजिंग कैमरा है, जो वनस्पति मानचित्रण के अलावा जमीन और पानी की सतह के तापमान के आकलन में मदद करेगा।

इंस्पायरसैट-1: यह संयुक्त राज्य अमेरिका के कोलोराडो विश्वविद्यालय के सहयोग से भारतीय अंतरिक्ष विज्ञान और प्रौद्योगिकी संस्थान का एक छात्र उपग्रह है।

  • इसका उद्देश्य आयनमंडल गतिकी और सूर्य की कोरोनल हीटिंग प्रक्रियाओं की समझ में सुधार करना है।