मेदारम जात्रा

  • 18 Feb 2022

जनजातीय मामलों के मंत्रालय ने मेदारम जात्रा (Medaram Jathara) 2022 से संबंधित विभिन्न गतिविधियों के लिए 2.26 करोड़ मंजूर किए। इस वर्ष यह उत्सव 16-19 फरवरी, 2022 तक मनाया जा रहा है।

(Image Source: https://indianexpress.com/)

महत्वपूर्ण तथ्य: यह तेलंगाना के दूसरे सबसे बड़े जनजातीय समुदाय- कोया जनजाति द्वारा चार दिनों तक मनाए जाने वाला बहुप्रतीक्षित द्विवार्षिक उत्सव है।

  • कुम्भ मेले के बाद मेदारम जात्रा को देश का दूसरा सबसे बड़ा उत्सव माना जाता है।
  • मेदारम जात्रा देवी ‘सम्माक्का’ और ‘सरलम्मा’ के सम्मान में आयोजित किया जाता है। यह उत्सव ‘माघ’ महीने (फरवरी) में पूर्णमासी को दो वर्षों में एक बार मनाया जाता है। सम्माक्का की पुत्री का नाम सरलम्मा था।
  • करोड़ों तीर्थयात्री मुलुगू जिले में आते हैं और पूरे हर्षोल्लास के साथ उत्सव मनाते हैं। विभिन्न गांवों के श्रद्धालु और विभिन्न अनुसूचित जनजातियां यहां इक्ट्ठा होती हैं।
  • 'मेदारम' एतुर्नगरम वन्यजीव अभयारण्य में एक दूरस्थ स्थान है, जो मुलुगु में सबसे बड़े जीवित वन क्षेत्र ‘दंडकारण्य’ का एक हिस्सा है।
  • त्योहार के आगमन और इसके शुभ महत्व को ध्यान में रखते हुए, मेदारम जात्रा को 1996 में एक राज्य महोत्सव घोषित किया गया था।