सामयिक - 10 July 2025

सामयिक खबरें अंतर्राष्ट्रीय

लंदन में भारत समुद्री निवेश मीट का आयोजन


9 जुलाई 2025, भारत सरकार के पोत, नौवहन और जलमार्ग मंत्रालय द्वारा लंदन स्थित इंडिया हाउस में भारत समुद्री निवेश मीट (India Maritime Investment Meet) का आयोजन किया गया, जिसका उद्देश्य वैश्विक समुद्री साझेदारी को मजबूत करना और भारत के समुद्री क्षेत्र में निवेश के अवसरों को प्रस्तुत करना था।

मुख्य तथ्य:

  • आर्थिक स्थिति और निवेश प्रोत्साहन: भारत विश्व की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन चुका है, जिसकी GDP $4 ट्रिलियन से अधिक है; शिपिंग और शिपबिल्डिंग में 100% FDI की अनुमति है; GIFT सिटी के IFSC में 10 वर्ष की टैक्स हॉलिडे, शिप इम्पोर्ट पर शून्य GST और समुद्री लेन-देन पर कोई विदहोल्डिंग टैक्स नहीं है।
  • पोर्ट क्षमता और विस्तार लक्ष्य: भारत के बंदरगाहों की वर्तमान कार्गो हैंडलिंग क्षमता 2,760 MTPA है, जिसे 2030 तक 3,500 MTPA और 2047 तक 10,000 MTPA तक बढ़ाने का लक्ष्य है; पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप के माध्यम से बंदरगाहों का आधुनिकीकरण किया जा रहा है।
  • हरित समुद्र रणनीति: ग्रीन हाइड्रोजन हब पोर्ट (दीनदयाल, चिदंबरनार, पारादीप) का विकास और ग्रीन टग ट्रांजिशन प्रोग्राम लागू किया गया; ग्रीन शिपिंग, शिपबिल्डिंग और रीसाइक्लिंग को राष्ट्रीय समुद्री रणनीति के मुख्य स्तंभ के रूप में अपनाया गया है।
  • डिजिटल और लॉजिस्टिक्स पहल: समुद्री एकल खिड़की, एक राष्ट्र-एक बंदरगाह प्रक्रिया (Maritime Single Window, One Nation-One Port Process -ONOP) और MAITRI (IMEEC देशों के लिए वर्चुअल ट्रेड कॉरिडोर) जैसी डिजिटल पहलों से लॉजिस्टिक्स को एकीकृत और लागत कम करने का प्रयास किया जा रहा है।
  • वैश्विक कनेक्टिविटी और क्रूज़ पर्यटन: भारत–मिडिल ईस्ट–यूरोप इकोनॉमिक कॉरिडोर (IMEEC), ईस्टर्न मैरीटाइम कॉरिडोर, और इंटरनेशनल नॉर्थ-साउथ ट्रांसपोर्ट कॉरिडोर (INSTC) जैसी परियोजनाओं के माध्यम से भारत वैश्विक समुद्री कनेक्टिविटी में अग्रणी भूमिका निभा रहा है; क्रूज़ भारत मिशन के तहत विश्वस्तरीय क्रूज़ टर्मिनल और विशेष सर्किट विकसित किए जा रहे हैं।
  • भारत समुद्री सप्ताह 2025 : भारत समुद्री सप्ताह 2025 (India Maritime Week 2025) का आयोजन 27-31 अक्टूबर 2025 को मुंबई में किया जाएगा, जिसमें वैश्विक निवेशकों और भागीदारों को आमंत्रित किया गया है।

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ऑप्टिकल एटॉमिक क्लॉक


9 जुलाई 2025 को वैश्विक वैज्ञानिक समुदाय द्वारा अत्याधुनिक ऑप्टिकल एटॉमिक क्लॉक्स के माध्यम से सेकंड (समय की मूल इकाई) को पुनर्परिभाषित करने की दिशा में बड़ा कदम उठाया गया है। हाल ही में तीन महाद्वीपों के 10 ऑप्टिकल क्लॉक्स के बीच अभूतपूर्व समय मापन सामंजस्य स्थापित किया गया, जिससे 2030 तक नई अंतरराष्ट्रीय समय-मानक की संभावना मजबूत हुई है।

मुख्य तथ्य:

  • सेकंड की परिभाषा का विकास: सेकंड की प्रारंभिक परिभाषा पृथ्वी के घूर्णन और परिक्रमण पर आधारित थी; 1967 में इसे सीज़ियम-133 परमाणु द्वारा उत्सर्जित विकिरण की 9,192,631,770 आवृत्तियों (Hz) के आधार पर पुनर्परिभाषित किया गया।
  • सीज़ियम एटॉमिक क्लॉक की कार्यप्रणाली: सीज़ियम क्लॉक माइक्रोवेव विकिरण का उपयोग कर परमाणु में ऊर्जा संक्रमण कराती है और 9,192,631,770 Hz पर आवृत्ति लॉक करती है; ये क्लॉक GPS और टेलीकम्युनिकेशन जैसी तकनीकों की आधारशिला हैं।
  • ऑप्टिकल क्लॉक की आवश्यकता और क्षमता: सीज़ियम क्लॉक 30 करोड़ वर्षों में केवल 1 सेकंड की त्रुटि करती हैं , लेकिन ऑप्टिकल क्लॉक इससे 10,000 गुना अधिक आवृत्ति (400 ट्रिलियन Hz से अधिक) माप सकती हैं; ये समय को 18वें दशमलव तक मापने में सक्षम हैं और अरबों वर्षों तक सटीकता बनाए रख सकती हैं।
  • वैश्विक तुलना और परीक्षण: 2022 में फिनलैंड, फ्रांस, जर्मनी, इटली, यूके और जापान में स्थित 10 ऑप्टिकल क्लॉक्स का 45 दिनों तक निरंतर परीक्षण हुआ; 38 स्वतंत्र आवृत्ति अनुपात मापे गए, जिनमें 4 पहली बार मापे गए; परिणामों में 10^-16 से 10^-18 तक की सटीकता में सामंजस्य पाया गया।
  • भविष्य की चुनौतियाँ और अनुप्रयोग: परीक्षण में कुछ मामूली अंतर (सिग्नल गड़बड़ी, आवृत्ति ऑफसेट) पाए गए, जिन्हें अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सेकंड की पुनर्परिभाषा से पहले सुलझाना होगा; ऑप्टिकल क्लॉक GPS, उपग्रह नेविगेशन, रेडियो एस्ट्रोनॉमी, जलवायु विज्ञान आदि में समय मापन की सटीकता और स्थिरता को नई ऊँचाइयों तक ले जाएंगी।

सामयिक खबरें पारिस्थितिकी एवं पर्यावरण

UNFCCC प्रक्रिया में सुधार


हाल के वर्षों में संयुक्त राष्ट्र जलवायु परिवर्तन फ्रेमवर्क कन्वेंशन (UNFCCC) के तहत अंतरराष्ट्रीय जलवायु वार्ताएँ अपेक्षित प्रगति हासिल करने में विफल रही हैं, जिससे प्रक्रिया की विश्वसनीयता पर सवाल उठे हैं। COP30 सम्मेलन (नवंबर, ब्राजील) से पूर्व सुधार के लिए कई सुझाव प्रस्तुत किए गए हैं।

मुख्य तथ्य:

  • वार्ता की जटिलता और सुधार के सुझाव: जून 2025 में जर्मनी के बॉन में आयोजित मध्यवर्षीय जलवायु बैठक में प्रक्रिया की पारदर्शिता और समावेशिता बढ़ाने, एजेंडा विषयों को सुव्यवस्थित करने, वक्तव्यों की लंबाई सीमित करने और वार्ता टीमों के आकार को कम करने जैसे सुझाव दिए गए; चर्चा निष्कर्षहीन रही और COP30 में जारी रहेगी।
  • विभिन्न संगठनों की मांग 200 से अधिक संगठनों ने पाँच प्रमुख सुधारों का सुझाव दिया, जिसमें सर्वसम्मति न बनने पर बहुमत आधारित निर्णय, खराब जलवायु रिकॉर्ड वाले देशों को COP की मेज़बानी से रोकना, और जीवाश्म ईंधन कंपनियों की भागीदारी घटाने की मांग शामिल है; UNFCCC में फिलहाल सर्वसम्मति आधारित निर्णय प्रणाली है।
  • ब्राज़ील की पहल: COP30 की मेज़बानी कर रहे ब्राज़ील ने 30 बिंदुओं की सूची बनाई है, जिन पर अन्य देशों के साथ मिलकर जलवायु कार्रवाई तेज़ करने का प्रयास किया जाएगा; ब्राज़ील ने जलवायु वार्ता को अन्य बहुपक्षीय मंचों में मुख्यधारा में लाने और अतिरिक्त तंत्र विकसित करने का प्रस्ताव दिया।
  • जलवायु वित्त पर असहमति: विकासशील देशों की वार्षिक जलवायु वित्त की आवश्यकता $1.3 ट्रिलियन आंकी गई, जबकि विकसित देशों ने 2035 से केवल $300 अरब प्रतिवर्ष जुटाने पर सहमति दी; पेरिस समझौते के तहत अभी कम-से-कम $100 अरब प्रतिवर्ष जुटाने का दायित्व है।
  • BRICS का रुख: ब्रिक्स समूह (नौ प्रमुख विकासशील अर्थव्यवस्थाएँ) ने अलग घोषणा में विकसित देशों से UNFCCC और पेरिस समझौते के तहत वित्तीय प्रतिबद्धताओं को पूर्ण रूप से निभाने और वित्त उपलब्धता बढ़ाने की मांग की।

सामयिक खबरें अंतर्राष्ट्रीय

बुल्गारिया 2026 से यूरोज़ोन का 21वां सदस्य देश बनेगा


यूरोपीय संघ (EU) के वित्त मंत्रियों ने बुल्गारिया को 1 जनवरी 2026 से यूरो को आधिकारिक मुद्रा के रूप में अपनाने की 9 जुलाई 2025 को अंतिम मंज़ूरी दे दी, जिससे बुल्गारिया यूरोज़ोन का 21वां सदस्य देश बन जाएगा।

मुख्य तथ्य:

  • मुद्रा परिवर्तन: बुल्गारिया अपनी राष्ट्रीय मुद्रा 'लेव' को 1.95583 लेव प्रति 1 यूरो की निश्चित विनिमय दर पर यूरो से प्रतिस्थापित करेगा।
  • आर्थिक उपलब्धि: यह निर्णय बुल्गारिया द्वारा मास्ट्रिच्ट मानदंडों (कम मुद्रास्फीति, मजबूत सार्वजनिक वित्त, स्थिर विनिमय दर) के पालन के बाद लिया गया है।
  • विलंबित प्रवेश: मुद्रास्फीति अधिक होने के कारण यूरो को अपनाने की प्रक्रिया पहले टल गई थी; हालिया मंज़ूरी से बुल्गारिया की आर्थिक स्थिति यूरोज़ोन आवश्यकताओं के अनुरूप मानी गई है।
  • राजनीतिक संदर्भ: मंज़ूरी के बावजूद, देश में तीन वर्षों में सात बार राष्ट्रीय चुनाव और सोफिया में मुद्रास्फीति व क्रय शक्ति में कमी जैसे मुद्दों पर सार्वजनिक विरोध के बीच यह परिवर्तन हो रहा है।
  • यूरोज़ोन विस्तार का क्रम: बुल्गारिया से पहले क्रोएशिया (2023), लिथुआनिया (2015), लातविया (2014), एस्टोनिया (2011), स्लोवाकिया (2009), साइप्रस व माल्टा (2008), स्लोवेनिया (2007) यूरोज़ोन में शामिल हुए थे।

सामयिक सामान्य ज्ञान

 हिमाचल प्रदेश सार्वजनिक वितरण प्रणाली (PDS) के तहत राशन वितरण के लिए आधार-लिंक्ड चेहरा पहचान (Face Authentication) को लागू करने वाला भारत का कौन सा राज्य बन गया है?  -- पहला -- (हिमाचल प्रदेश सार्वजनिक वितरण प्रणाली (PDS) के तहत राशन वितरण के लिए आधार-लिंक्ड चेहरा पहचान (FaceAuth) को लागू करने वाला भारत का पहला राज्य बन गया है, जो दूर- दराज के क्षेत्रों में पहुंच और विश्वसनीयता में सुधार करेगा।)
 17वां BRICS शिखर सम्मेलन कहाँ आयोजित किया गया था?  -- रियो डी जनेरियो, ब्राजील -- (6-7 जुलाई 2025 को रियो डी जनेरियो, ब्राजील में 17वें BRICS शिखर सम्मेलन का आयोजन किया गया, जिसमें वैश्विक शासन और AI पर ध्यान केंद्रित किया गया।)
 राजस्थान सरकार द्वारा शुरू की गई पंडित दीनदयाल उपाध्याय गरीबी मुक्त ग्राम योजना का लक्ष्य कितने गाँवों में गरीबी को समाप्त करना है?  -- 5,000 -- (राजस्थान सरकार ने 5,000 गाँवों में गरीबी को समाप्त करने के उद्देश्य से पंडित दीनदयाल उपाध्याय गरीबी मुक्त ग्राम योजना शुरू की है, जिसका लक्ष्य ग्रामीण परिवारों को आत्मनिर्भर और आर्थिक रूप से सशक्त बनाना है।)
 भारत के पहले राष्ट्रीय बायोबैंक का उद्घाटन कहाँ किया गया ?  -- CSIR-जीनोमिक्स और इंटीग्रेटिव बायोलॉजी संस्थान (IGIB), नई दिल्ली -- (केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने CSIR-जीनोमिक्स और इंटीग्रेटिव बायोलॉजी संस्थान (IGIB), नई दिल्ली में भारत के पहले राष्ट्रीय बायोबैंक का उद्घाटन किया, जिसका उद्देश्य व्यक्तिगत और सटीक चिकित्सा को सक्षम बनाना है।)
 सूचीबद्ध फर्मों के बाजार पूंजीकरण के आकर के अनुसार नेशनल स्टॉक एक्स्चेंज (NSE) विश्व स्तर पर कौन सा सबसे बड़ा एक्सचेंज है? -- सातवां -- (31 मई, 2025 तक सूचीबद्ध फर्मों के बाजार पूंजीकरण के अनुसार NSE विश्व स्तर पर सातवां सबसे बड़ा एक्सचेंज है।)
 ब्रिक्स के न्यू डेवलपमेंट बैंक की स्थापना BRICS देशों द्वारा कब की गई थी?  -- 2015 -- (NDB की स्थापना 2015 में BRICS देशों द्वारा BRICS और अन्य उभरती बाजार अर्थव्यवस्थाओं और विकासशील देशों में बुनियादी ढांचे और सतत विकास परियोजनाओं के लिए संसाधनों को जुटाने के लिए की गई थी।)

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