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नियम 193
नियम 193 के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए-
- इस नियम के तहत चर्चा में सदन के समक्ष औपचारिक प्रस्ताव पेश करना शामिल नहीं है। इसलिए, इस नियम के तहत विचार किए गए मामलों पर चर्चा के बाद कोई मतदान नहीं होता है।
- इसमें यह भी कहा गया है कि "जो सदस्य नोटिस देता है वह एक संक्षिप्त बयान दे सकता है और ऐसे सदस्यों को चर्चा में भाग लेने की अनुमति दी जा सकती है जो पहले अध्यक्ष को सूचित कर चुके हैं।
- चर्चा करने वाले सदस्य को उत्तर देने का अधिकारहै।
उपर्युक्त कथनों में से कौन सा/से सही है/हैं?
A |
केवल 1 और 2
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B |
केवल 2 और 3
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C |
केवल 2
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D |
उपर्युक्त सभी
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Your Ans is
Right ans is A
Explanation :
संसदीय कामकाज के नियम 193 के तहत सदन में बिना वोटिंग के तहत बहस का प्रावधान है। किसी मुद्दे पर चार घंटे तक लोकसभा सदस्यों को चर्चा की अनुमति दी जाती है। जबकि लोकसभा के नियम 342 के तहत बिना वोटिंग के लोकहित के किसी मुद्दे पर चर्चा कराई जा सकती है। इसमें ध्वनिमत का प्रावधान है जिसके बाद प्रस्ताव पारित हो सकता है। चर्चा खत्म होने के बाद कोई सवाल नहीं पूछे जाते हैं।
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