- होम
- सामयिक
- समसामयिकी प्रश्न
- विमुक्त, खानाबदोश और अर्द्ध-घुमंतू जनजाति
विमुक्त, खानाबदोश और अर्द्ध-घुमंतू जनजाति
विमुक्त, खानाबदोश और अर्द्ध-घुमंतू जनजाति के बारे में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए-
- ये ऐसे समुदाय हैं जो सबसे सुभेद्य और वंचित हैं।विमुक्त ऐसे समुदाय हैं जिन्हें ब्रिटिश शासन के दौरान वर्ष 1871 के आपराधिक जनजाति अधिनियम से शुरू होने वाली कानूनों की एक शृंखला के तहत 'जन्मजात अपराधी' के रूप में 'अधिसूचित' किया गया था।
- ऐतिहासिक रूप से घुमंतू जनजातियों और गैर-अधिसूचित जनजातियों की कभी भी निजी भूमि या घर के स्वामित्व तक पहुँच नहीं थी।
- खानाबदोश और अर्द्ध-घुमंतू समुदायों को उन लोगों के रूप में परिभाषित किया जाता है, जो हर समय एक ही स्थान पर रहने के बजाय एक स्थान से दूसरे स्थान पर जाते हैं।
उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं?
A |
केवल 1और 3
|
|
B |
केवल 2
|
|
C |
केवल 2 और 3
|
|
D |
1, 2 और 3
|
Your Ans is
Right ans is D
Explanation :
- हाल ही में संसद की एक स्थायी समिति ने विमुक्त, खानाबदोश और अर्द्ध-घुमंतू जनजातियों के विकास कार्यक्रम के कामकाज की आलोचना की है।
- स्थायी समिति ने कहा कि विमुक्त जनजाति (DNT) समुदायों के आर्थिक सशक्तीकरण की योजना में वर्ष 2021-22 से पाँच वर्षों की अवधि के लिये कुल 200 करोड़ रुपए का परिव्यय है और वर्ष 2021-22 में अब तक एक रुपया भी खर्च नहीं किया गया है।
- विमुक्त, खानाबदोश और अर्द्ध-घुमंतू जनजाति ऐसे समुदाय हैं जो सबसे सुभेद्य और वंचित हैं। विमुक्त ऐसे समुदाय हैं जिन्हें ब्रिटिश शासन के दौरान वर्ष 1871 के आपराधिक जनजाति अधिनियम से शुरू होने वाली कानूनों की एक शृंखला के तहत 'जन्मजात अपराधी' के रूप में 'अधिसूचित' किया गया था।
सामयिक खबरें
सामयिक खबरें
सामयिक खबरें
राष्ट्रीय
- राजनीति और प्रशासन
- अवसंरचना
- आंतरिक सुरक्षा
- आदिवासियों से संबंधित मुद्दे
- कमजोर वर्गों के लिए कल्याणकारी योजनाएँ
- कार्यकारी और न्यायपालिका
- कार्यक्रम और योजनाएँ
- कृषि
- गरीबी और भूख
- जैवविविधता संरक्षण
- पर्यावरण
- पर्यावरण प्रदूषण, गिरावट और जलवायु परिवर्तन
- पारदर्शिता और जवाबदेही
- बैंकिंग व वित्त
- भारत को प्रभावित करने वाले द्विपक्षीय, क्षेत्रीय और वैश्विक समूह
- भारतीय अर्थव्यवस्था
- रक्षा और सुरक्षा
- राजव्यवस्था और शासन
- राजव्यवस्था और शासन
- रैंकिंग, रिपोर्ट, सर्वेक्षण और सूचकांक
- विज्ञान और प्रौद्योगिकी
- शिक्षा
- सरकार की नीतियां और हस्तक्षेप
- सांविधिक, विनियामक और अर्ध-न्यायिक निकाय
- स्वास्थ्य से संबंधित मुद्दे