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विदेशी अंशदान (विनियमन) अधिनियम
विदेशी अंशदान (विनियमन) अधिनियम (FCRA), 2010 के बारे में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए-
- भारत में व्यक्तियों के विदेशी धन को एफसीआरए अधिनियम के तहत विनियमित और गृह मंत्रालय (MHA) द्वारा कार्यान्वित किया जाता है।
- लोगों को गृह मंत्रालय की अनुमति के बिना विदेशी योगदान स्वीकार करने की अनुमति है। हालाँकि ऐसे विदेशी योगदान की स्वीकृति के लिये 25,0000 रुपए की मौद्रिक सीमा निर्धारित की गई है।
- अधिनियम के तहत संगठनों को प्रत्येक पाँच वर्ष में अपना पंजीकरण कराना आवश्यक है।
A |
केवल 1 और 3
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B |
केवल 3
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C |
केवल 1 और 3
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D |
1, 2 और 3
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Explanation :
हाल ही में सर्वोच्च न्यायालय (SC) ने विदेशी अंशदान (विनियमन) संशोधन अधिनियम (FCRA), 2020 की संवैधानिक वैधता को बरकरार रखा।
इसने माना कि विदेशी भेंट प्राप्त करना पूर्ण अधिकार नहीं हो सकता है, साथ ही इसे संसद द्वारा नियंत्रित किया जा सकता है।
वर्ष 2020 में भारत सरकार ने FCRA में संशोधन का प्रस्ताव दिया था, जिसने गैर-सरकारी संगठनों (NGOs), व्यक्तियों और अन्य संगठनों को विदेशों से योगदान किये गए धन को प्राप्त करने या उपयोग करने पर नए प्रतिबंध लगाए।
भारत में व्यक्तियों के विदेशी धन को एफसीआरए अधिनियम के तहत विनियमित और गृह मंत्रालय (MHA) द्वारा कार्यान्वित किया जाता है। लोगों को गृह मंत्रालय की अनुमति के बिना विदेशी योगदान स्वीकार करने की अनुमति है।
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