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मेथनॉल ईंधन
हाल ही में, असम में भारत का पहला मेथनॉल ईंधन कार्यक्रम शुरू किया गया है। एक ईंधन के रूप में मेथनॉल के सम्बंध में निम्नलिखित कथनों पर विचार करें:
1. मेथनॉल सभी आंतरिक दहन इंजनों में कुशलतापूर्वक जलता है और प्रदूषण का स्तर लगभग शून्य होता है।
2. इसे केवल प्राकृतिक गैस और बायोमास से उत्पादित किया जा सकता है।
3. "एम 15 (M15)" ईंधन का अर्थ 85% मेथनॉल और 15% गैसोलीन/डीजल है।
नीचे दिए गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर का चयन करें:
A |
केवल 2 और 3
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B |
केवल 1 और 3
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C |
1, 2, 3
|
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D |
केवल 1
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Explanation :
मेथनोल ईंधन में विशुद्ध ज्वलन कण है जो परिवहन में पेट्रोल और डीजल दोनों का और रसोई ईंधन में एलपीजी, लकड़ी, मिट्टी तेल का स्थान ले सकता है। यह रेलवे, समुद्री क्षेत्र, जेनसेट्स, पावर जेनरेशन में डीजल को भी प्रतिस्थापित कर सकता है और मेथनोल आधारित संशोधक हाइब्रिड और इलेक्ट्रिक मोबिलिटी के लिए आदर्श पूरक हो सकते हैं। मेथनोल अर्थव्यवस्था संपूर्ण ‘हाइड्राजेन आधारित ईंधन प्रणालियों’ के सपने के लिए ‘सेतु’ है।
मेथनोल सभी आंतरिक दहन ईंजनों में प्रभावशाली रूप से जलती है, कोई पार्टिकुलेट मैटर नहीं पैदा करती, कोई कालिख नहीं होती, लगभग शून्य एसओएक्स और एनओएक्स उत्सर्जन (लगभग शून्य प्रदूषण) होता है। मेथनोल का गैसीय रूप-डीएमई को एलपीजी के साथ मिलाया जा सकता है और यह बड़ी बसों और ट्रकों में डीजल के लिए बेहतर पर्याय हो सकता है। इसलिए, कथन 1 सही है।
प्रारंभिक परीक्षा के लिए यह प्रश्न इतना महत्वपूर्ण क्यों है?
हाल ही में, नीति आयोग के सदस्य और मेथनॉल सर्वोच्च समिति के अध्यक्ष डॉ. वी.के सारस्वत, ने असम पेट्रो-रसायन परिसर में एशिया के पहले कनस्तर आधारित और भारत के पहले "मेथनॉल खाना पकाने योग्य ईंधन कार्यक्रम" का उद्घाटन कर इसकी शुरुआत की है। इसलिए, हमने इसकी महत्ता को देखते हुए, छात्रों को ईंधन के रूप में मेथनॉल के उपयोग के महत्व और लाभ से अवगत कराने का प्रयास किया है।
स्रोत: द हिंदू, पीआईबी
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