ओजोन तथा ब्लैक कार्बन से प्रदूषण


प्रश्नः क्या सरकार को इस बात की जानकारी है कि ओजोन एवं ब्लैक कार्बन से होने वाला वायु प्रदूषण देश में जलवायु परिवर्तन की तुलना में फसल उपज का अधिक नुकसान करता है; सरकार द्वारा इस संबंध में क्या कदम उठाए गए हैं?

(श्याम सिंह यादव द्वारा लोकसभा में पूछा गया अतारांकित प्रश्न)

पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन राज्य मंत्री बाबुल सुप्रियो द्वारा दिया गया उत्तरः कुछ अध्ययनों से यह पता चलता है कि अत्यधिक बाह्य प्रभाव के कारण फसल की पैदावार में कमी आई है। हालांकि ओजोन और ब्लैक कार्बन से होने वाले प्रदूषण के कारण फसल की पैदावार को नुकसान पहुंचने की मात्रा का विशिष्ट आकलन उपलबध नहीं है।

ओजोन एक गौण प्रदूषक है, जो वायुमंडलीय प्रतिक्रियाओं के माध्यम से निर्मित होती है और उच्च तापमान और नाइट्रोजन (एनओएक्स) और वाष्पशील जैविक यौगिकों (वीओसी) का उत्सर्जन इसके जिम्मेदार कारक हैं। एनओएक्स के लिए प्रमुख स्रोतों में वाहन, ऊर्जा संयंत्र और ईंधन का जलना आदि शामिल है। वीओसी, वाहनों, पेट्रोल पंप, द्रावकों के उपयोग और अपशिष्ट के जलने से उत्सर्जित होता है।

एनओएक्स और वीओसी उत्सर्जनों के नियंत्रण हेतु सरकार कई उपाय कर रही है, जिसमें निम्नलिखित शामिल हैं-

  • राजधानी क्षेत्र दिल्ली में 1 अप्रैल, 2018 और शेष देश में 1 अप्रैल, 2020 से ईंधन के संबंध में बीएस-IV से बीएस-VI ईंधन मानक लागू किए जाएंगे, जो बीएस-IV वाहनों की तुलना में भारी डीजल वाहनों के एनओएक्स उत्सर्जनों में 88.5 प्रतिशत तक कमी करेगा।
  • पेट्रोल पंपों में वाष्प पुनःप्राप्ति प्रणालियों की संस्थापना।
  • गैसीय ईंधन (सीएनजी, एलपीजी आदि) इथेनॉल मिश्रण जैसे स्वच्छतर/वैकल्पिक ईंधनों की शुरुआत।
  • सार्वजनिक परिवहन को बढ़ावा देना और सड़कों में सुधार करना और सड़कों पर भीड़-भाड़ कम करने के लिए अधिक पुलों का निर्माण करना।