पॉक्सो अधिनियम, 2012


प्रश्नः क्या सरकार ने पॉक्सो अधिनियम, 2012 में विहित प्रावधानों के अनुसार बाल-हितैषी न्यायालयों की स्थापना की है; यदि हां, तो प्रत्येक राज्य में राज्य-वार ऐसे कितने न्यायालयों की स्थापना की गई है?

(नुसरत जहां द्वारा लोकसभा में पूछा गया आरांकित प्रश्न)

महिला एवं बाल विकास मंत्री स्मृति जुबिन ईरानी द्वारा दिया गया उत्तरः यौन अपराधों से बच्चों के संरक्षण (पॉक्सो) अधिनियम, 2012 की धारा 28 पॉक्सो अधिनियम के अंतर्गत अपराधों की सुनवाई के लिए विशेष न्यायालय स्थापित करने का प्रावधान करती है। पॉक्सो अधिनियम में यह सुनिश्चित करने के लिए पर्याप्त प्रावधान है कि सुनवाई के दौरान विशेष न्यायालयों द्वारा बाल अनुकूल प्रक्रियाएं अपनाई जाती है। इनमें निम्नलिखित शामिल हैं-

  1. विशेष न्यायालय परिवार के किसी अभिभावक, मित्र या रिश्तेदार जिस पर बच्चे को भरोसा या विश्वास है, को न्यायालय में उपस्थित करने की अनुमति प्रदान करके बालोनुकूल माहौल का सृजन करेंगे [धारा 33(4)];
  2. विशेष न्यायालय, यदि आवश्यक समझे तो वह सुनवाई के दौरान बच्चे के लिए बार-बार अवकाश की अनुमति दे सकता है [धारा 33(3)];
  3. विशेष न्यायालय सुनिश्चित करेगा कि न्यायालय में साक्ष्य देने के लिए बच्चे को बार-बार नहीं बुलाया जाए [धारा 33(5)];
  4. विशेष न्यायालय आक्रामक पूछताछ या बच्चे के चरित्र हनन की अनुमति नहीं देगा और सुनिश्चित करेगा कि सुनवाई के दौरान हर समय बच्चे की गरिमा बनी रहे [धारा 33(6)];
  5. विशेष न्यायालय सुनिश्चित करेगा कि अन्वेषण या सुनवाई के दौरान किसी भी समय बच्चे की पहचान का खुलासा न हो [धारा 33(7)];
  6. विशेष न्यायालय कैमरे के अंदर और बच्चे के माता-पिता या किसी अन्य व्यक्ति जिस पर बच्चे का भरोसा या विश्वास है, की उपस्थिति में मामले की सुनवाई करेगा (धारा 37);
  7. विशेष न्यायालय सुनिश्चित करेगा कि साक्ष्य दर्ज करते समय किसी रूप में बच्चे का अभियुक्त से सामना न हो [धारा 36(1)];
  • पॉक्सो अधिनियम की धारा 44(1) में यह प्रावधान है कि राष्ट्रीय बालक अधिकार संरक्षण (एनसीपीसीआर) पॉक्सो अधिनियम के प्रावधानों के कार्यान्वयन की निगरानी करेगा। एनसीपीसीआर द्वारा प्रदान की गई सूचना के अनुसार 30 जून, 2019 तक देश में 664 विशेष न्यायालय स्थापित किए गए हैं।
  • इसके अलावा न्याय विभाग द्वारा प्रदान की गई सूचना के अनुसार 363 पॉक्सो न्यायालय सहित 651 फास्ट ट्रैक विशेष न्यायालय (एफटीएससी) स्थापित करने के लिए 28 राज्यों/संघ राज्य क्षेत्रों को 99.99 करोड़ रुपये की राशि जारी की गई है।