भारत का दुग्ध उत्पादन: एक दशक में 63% वृद्धि
- 29 Sep 2025
28 सितम्बर, 2025 को मत्स्य, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय द्वारा दिए गए आकड़ों के अनुसार भारत का दुग्ध उत्पादन पिछले दस वर्षों में 63% से अधिक बढ़कर 146 मिलियन टन से बढ़कर 239 मिलियन टन हो गया है।
मुख्य तथ्य:
- वैश्विक स्थिति: भारत विश्व में प्रथम स्थान पर है और वैश्विक दुग्ध उत्पादन का लगभग एक-चौथाई योगदान देता है।
- आर्थिक प्रभाव: डेयरी क्षेत्र राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था में लगभग 5% योगदान करता है और सीधे तौर पर 8 करोड़ से अधिक किसानों को रोजगार देता है।
- प्रति व्यक्ति उपलब्धता: पिछले दशक में प्रति व्यक्ति दूध की उपलब्धता में 48% वृद्धि हुई; 2023-24 में यह 471 ग्राम प्रतिदिन प्रति व्यक्ति पहुँची, जो विश्व औसत 322 ग्राम से काफी अधिक है।
- आधार वर्ष तुलना: 2013-14 में उत्पादन 146 मिलियन टन था जो 2023-24 में बढ़कर 239 मिलियन टन हो गया।
- श्वेत क्रांति (White Revolution): भारत में दूध और दुग्ध उत्पादों की उपलब्धता बढ़ाने हेतु 1970 के दशक में “ऑपरेशन फ्लड” शुरु किया गया। इस क्रांति का नेतृत्व डॉ. वर्गीज कुरियन ने किया। श्वेत क्रांति ने ग्रामीण किसानों को संगठित सहकारी समितियों से जोड़ा, जिससे उनके आय के स्रोत बढ़े और भारत दुग्ध आत्मनिर्भरता की राह पर अग्रसर हुआ।
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