फाइटोरिड तकनीकी वाहित मल उपचार संयंत्र

  • 12 Dec 2020

( 02 December, 2020, , www.pib.gov.in )


केन्द्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने 2 दिसंबर, 2020 को पुणे के ‘सीएसआईआर- नेशनल केमिकल लेबोरेटरी (एनसीएल) में स्थित पर्यावरण अनुकूल एवं कुशल ‘फाइटोरिड तकनीकी वाहित मल उपचार संयंत्र’ (Phytorid Technology Sewage Treatment Plant) का उद्घाटन किया

महत्वपूर्ण तथ्य: इस संयंत्र को सीएसआईआर- राष्ट्रीय पर्यावरण इंजीनियरिंग अनुसंधान संस्थान (NEERI), नागपुर और सीएसआईआर-एनसीएल द्वारा विकसित किया गया है।

  • फाइटोरिड एक ‘उपसतह मिश्रित प्रवाह निर्मित आर्द्रभूमि प्रणाली’ (subsurface mixed flow constructed wetland system) है, जिसे सीएसआईआर-एनईईआरआई, नागपुर द्वारा विकसित और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पेटेंट कराया गया है।
  • फाइटोरिड अपशिष्ट जल उपचार के लिए एक भरोसेमंद तकनीक है, जो ‘प्राकृतिक आर्द्रभूमि के सिद्धांत’ (principle of natural wetland) पर काम करती है।
  • यह तकनीक कुछ विशिष्ट पौधों का उपयोग करती है, जो पोषक तत्वों को सीधे अपशिष्ट जल से अवशोषित कर सकते हैं, लेकिन जिन्हें मिट्टी की आवश्यकता नहीं होती है।
  • वाहित मल के उपचार के लिए फाइटोरिड तकनीक के उपयोग से बागवानी प्रयोजनों के लिए परिष्कृत किए गए जल को फिर से प्राप्त करना और उसका दोबारा उपयोग करना संभव है।