भारत की पहली भूतापीय विद्युत परियोजना

  • 06 Mar 2021

भारत की पहली भूतापीय विद्युत (geothermal energy) परियोजना पूर्वी लद्दाख के पुगा गाँव में स्थापित की जाएगी। वैज्ञानिकों द्वारा देश में भूतापीय ऊर्जा के हॉटस्पॉट के रूप में पुगा की पहचान की गई है।

महत्वपूर्ण तथ्य: पायलट प्रोजेक्ट के पहले चरण में, एक मेगावाट (MW) बिजली उत्पादन क्षमता स्थापित की जाएगी।

  • पहले चरण की स्थापना और कार्यान्वयन के लिए त्रिपक्षीय समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर ONGC एनर्जी, लद्दाख स्वायत्त पर्वतीय विकास परिषद, लेह और लद्दाख के विद्युत विभाग के बीच 7 फरवरी, 2021 को हस्ताक्षर किए गए।
  • भारत की पहली भू-तापीय विद्युत परियोजना, जिसे ‘भू-तापीय क्षेत्र विकास परियोजना’ (Geothermal Field Development Project) के नाम से जाना जाता है, को 2022 के अंत तक चालू करने की योजना है।
  • पहले चरण में, ओएनजीसी-एनर्जी केंद्र द्वारा कार्यान्वित पायलट परियोजना 500 मीटर की गहराई के भीतर तक खोज करेगी और यह 10 पड़ोसी गांवों को 24 घंटे मुफ्त बिजली की आपूर्ति करेगी, जो बिजली आपूर्ति के लिए उत्तरी ग्रिड से नहीं जुड़े हैं।
  • दूसरे चरण में इष्टतम संख्या में कुओं की ड्रिलिंग करके और लद्दाख में एक उच्च क्षमता के डेमो प्लांट की स्थापना करके भू-तापीय जलाशयों के गहरे और पार्श्व अन्वेषण के लिए प्रस्तावित किया गया है। दूसरा चरण परियोजना का अनुसंधान और विकास चरण होगा, जबकि तीसरे चरण में, संयुक्त उद्यमों और वाणिज्यिक परियोजनाओं को बढ़ावा देने की योजना है।
  • पुगा एक ऐसा स्थान है, जिसमें 100 मेगावाट से अधिक की भू-तापीय ऊर्जा की क्षमता है।