बायोटेक-प्राइड

  • 11 Aug 2021

30 जुलाई, 2021 को विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्रालय के जैव प्रौद्योगिकी विभाग (डीबीटी) द्वारा विकसित "बायोटेक-प्राइड" (डेटा आदान-प्रदान के माध्यम से अनुसंधान और नवाचार को प्रोत्साहन) (Biotech-PRIDE: Promotion of Research and Innovation through Data Exchange) दिशा-निर्देश जारी किये गये।

उद्देश्य: जैविक ज्ञान, सूचना और डेटा को साझा करने और इसके आदान-प्रदान को सुविधाजनक एवं सक्षम बनाने के लिए एक बेहतररूप से निर्धारित प्रारूप और मार्गदर्शक सिद्धांत प्रदान करना।

महत्वपूर्ण तथ्य: प्रारंभ में इन दिशा-निर्देशों को जैव प्रौद्योगिकी विभाग द्वारा समर्थित क्षेत्रीय जैव प्रौद्योगिकी केंद्र में ‘भारतीय जैविक डेटा केंद्र’ (IBDC) के माध्यम से लागू किया जाएगा।

  • ये दिशा-निर्देश जैविक डेटा के सृजन से ही नहीं अपितु देश के मौजूदा कानूनों, नियमों, विनियमों और दिशा-निर्देशों से उत्पन्न जानकारी और ज्ञान को साझा करने एवं इनका आदान-प्रदान करने के लिए एक सक्षम तंत्र है।
  • ये दिशा-निर्देश डेटा साझाकरण, अधिकतम उपयोग, दोहराव से बचाव, अधिकतम एकीकरण, स्वामित्व की जानकारी, बेहतर निर्णय लेने और समान पहुंच जैसे लाभों को सुनिश्चित करेंगे।
  • अन्य वर्तमान डेटासेट/डेटा केंद्रों को इस IBDC से जोड़ा जाएगा जिसे ‘बायो-ग्रिड’ कहा जाएगा।
  • बायो-ग्रिड जैविक ज्ञान, सूचना और डेटा के लिए एक राष्ट्रीय भंडार होगा और इस पर आदान-प्रदान को सक्षम करने, डेटासेट के लिए सुरक्षा, मानकों और गुणवत्ता के उपायों को विकसित करने और डेटा तक पहुंच के लिए विस्तृत तौर-तरीके स्थापित करने का दायित्व होगा।