भारतीय चावल और काबुली चना की आनुवंशिक किस्म

  • 20 Oct 2021

केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने 8 अक्टूबर, 2021 को राष्ट्र की खाद्य सुरक्षा और पोषण में प्रभावी योगदान देने के लिए भारतीय चावल और काबुली चने (Chickpea) की आनुवंशिक किस्में जारी कीं।

(Image Source: PIB)

महत्वपूर्ण तथ्य: भारतीय चावल और काबुली चने की किस्मों को राष्ट्रीय पादप जीनोम अनुसंधान संस्थान (NIPGR) द्वारा आनुवंशिक रूप से विकसित किया गया है।

  • चावल और काबुली चने के लिए दो डीएनए चिप्स- 'इंद्रा' (IndRA) और 'इंडिका' (IndiCA) इन दो फसलों में पहले पैन-जीनोम जीनोटाइपिंग सरणियां (Pan-Genome genotyping arrays) हैं और यह राष्ट्र की खाद्य तथा पोषण सुरक्षा के लिए भारतीय पौधों की जैव विविधता और जीनोमिक विविधता की विशाल क्षमता का पूर्ण उपयोग करने में सक्षम होंगे।
  • केंद्रीय मंत्री ने बुलंदशहर स्थित 'भारत इम्यूनोलॉजिकल एंड बायोलॉजिकल कॉर्पोरेशन लिमिटेड’ (BIBCOL) के परिसर में 'स्पीड ब्रीडिंग और हाई थ्रूपुट (HTP) फील्ड फेनोटाइपिंग के लिए NIPGR के पहले ट्रांसलेशनल फैसिलिटी नेटवर्क' का भी उद्घाटन किया।
  • मंत्री ने कहा कि भारत वर्ष 2025 तक विश्व के शीर्ष 5 देशों में से एक होगा और यह वैश्विक जैव विनिर्माण का केंद्र बन जाएगा।
  • भारत की जैव-अर्थव्यवस्था 2024-25 तक 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था के प्रधानमंत्री के लक्ष्य में प्रभावी योगदान देने के लिए मौजूदा 70 बिलियन डॉलर से 150 बिलियन डॉलर के लक्ष्य को प्राप्त करने की राह पर है।