पेसा अधिनियम 1996 के प्रावधानों पर एक दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन (

  • 22 Nov 2021

केंद्रीय जनजातीय कार्य मंत्री अर्जुन मुंडा और केंद्रीय ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री गिरिराज सिंह ने 18 नवंबर, 2021 को नई दिल्ली में संयुक्त रूप से पंचायत (अनुसूचित क्षेत्रों में विस्तार) अधिनियम (पेसा), 1996(PESA Act 1996) के प्रावधानों पर एक दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन का उद्घाटन किया।

पेसा अधिनियम 1996: पेसा जनजातीय लोगों के लिए जल, जंगल, जमीन के सिद्धांत की रक्षा करना चाहता है।

  • पेसा "अनुसूचित क्षेत्रों" को कवर करने के लिए भारत सरकार द्वारा अधिनियमित एक कानून है, जो भारतीय संविधान के 73वें संशोधन या पंचायती राज अधिनियम में शामिल नहीं है।
  • ग्राम सभाओं को अपने प्राकृतिक संसाधनों का स्व-शासन करने में सक्षम बनाने के उद्देश्य से इसे 24 दिसंबर, 1996 को अधिनियमित किया गया था। यह पंचायतों से संबंधित संविधान के भाग- IX के प्रावधानों को अनुसूचित क्षेत्रों में विस्तारित करने के लिए एक अधिनियम है।
  • "अनुसूचित क्षेत्र" का अर्थ संविधान के अनुच्छेद 244 के खंड (1) में निर्दिष्ट अनुसूचित क्षेत्र से है। अधिनियम ने पंचायतों के प्रावधानों को उन राज्यों के जनजातीय क्षेत्रों तक विस्तारित किया है, जिनमें पाँचवीं अनुसूची क्षेत्र हैं।
  • अनुसूचित क्षेत्र में पंचायतों पर एक राज्य के कानून में सामुदायिक संसाधनों के रीति-रिवाजों, धार्मिक प्रथाओं और पारंपरिक प्रबंधन प्रथाओं का ध्यान रखा जाना चाहिए।
  • प्रत्येक ग्राम में एक ग्राम सभा होगी, जिसके सदस्य ग्राम स्तर की पंचायतों की निर्वाचक सूची में सम्मिलित होंगे। अनुसूचित क्षेत्रों में खनन लाइसेंस देने के लिए ग्राम सभा की अनुशंसा अनिवार्य है।