एक कानून निरस्त करने की प्रक्रिया

  • 23 Nov 2021

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 19 नवंबर, 2021 को घोषणा की कि पिछले साल पारित तीन विवादास्पद कृषि कानूनों को निरस्त कर दिया जाएगा। कानूनों को निरस्त करने की प्रक्रिया संसद के आगामी शीतकालीन सत्र में होगी।

  • किसी कानून को निरस्त करना उसे अमान्य करने (nullify) का एक तरीका है। एक कानून को तब वापिस ले लिया जाता है, जब संसद को लगता है कि अब कानून के अस्तित्व की कोई आवश्यकता नहीं है।
  • विधि निर्माण में एक 'सनसेट क्लॉज' (sunset clause) भी हो सकता है, जिसके तहत एक विशेष तिथि के बाद उस कानून का अस्तित्व समाप्त माना जाता है।
  • उदाहरण के लिए, आतंकवाद विरोधी कानून आतंकवादी और विघटनकारी गतिविधियाँ (रोकथाम) अधिनियम 1987, जिसे आमतौर पर ‘टाडा’ के रूप में जाना जाता है, में एक 'सनसेट क्लॉज' था और वर्ष 1995 में यह कानून व्यपगत (lapse) हो गया था।
  • उन कानूनों के लिए जिनमें 'सनसेट क्लॉज' नहीं है, संसद को कानून को निरस्त करने के लिए एक और अतिरिक्त कानून पारित करना होता है।
  • संविधान का अनुच्छेद 245 संसद को पूरे या भारत के किसी भी हिस्से के लिए कानून बनाने की शक्ति देता है और राज्य विधायिकाओं को राज्य के लिए कानून बनाने की शक्ति देता है। संसद को उसी प्रावधान से कानून को निरस्त करने की शक्ति भी प्राप्त है।
  • किसी कानून को पूरी तरह से या आंशिक रूप से या अन्य कानूनों के उल्लंघन या विसंगति की सीमा तक निरस्त किया जा सकता है।
  • कानूनों को दो तरीकों से निरस्त किया जा सकता है - या तो एक अध्यादेश के माध्यम से, या विधि-निर्माण के माध्यम से।