हेलिना मिसाइल

  • 16 Apr 2022

स्वदेशी रूप से विकसित हेलीकॉप्टर लॉन्च एंटी-टैंक गाइडेड मिसाइल 'हेलिना' (HELINA) का 11 अप्रैल, 2022 को उपयोगकर्ता प्रमाणीकरण परीक्षणों के तहत उच्च ऊंचाई पर सफलतापूर्वक उड़ान परीक्षण किया गया।

(Image Source: https://twitter.com/DRDO_India)

महत्वपूर्ण तथ्य: उड़ान परीक्षण संयुक्त रूप से रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO), भारतीय सेना और भारतीय वायु सेना (IAF) के वैज्ञानिकों की टीमों द्वारा संयुक्त रूप से किया गया।

  • उड़ान परीक्षण एक उन्नत हल्के हेलीकॉप्टर (ALH) से किए गए और मिसाइल को नकली टैंक लक्ष्य पर सफलतापूर्वक दागा गया।
  • मिसाइल को एक इमेजिंग इंफ्रा-रेड (IIR) सीकर द्वारा निर्देशित किया जाता है, जो लॉन्च से पहले लॉक ऑन मोड में काम करता है। यह दुनिया के सबसे उन्नत टैंक रोधी हथियारों में से एक है।
  • हेलिना की अधिकतम सीमा सात किलोमीटर है और इसे एएलएच के हथियारयुक्त संस्करण पर एकीकरण के लिए डिजाइन और विकसित किया गया है।
  • हेलिना सीधे हिट मोड के साथ-साथ टॉप अटैक मोड दोनों में लक्ष्य को भेद सकती है।
  • सीधे हिट मोड में, मिसाइल कम ऊंचाई पर यात्रा करती है और सीधे लक्ष्य को निशाना बनाती है।
  • टॉप अटैक मोड में, मिसाइल लॉन्च के बाद तेजी से चढ़ती है और एक निश्चित ऊंचाई पर यात्रा करती है और फिर लक्ष्य के शीर्ष को निशाना बनाती है।
  • इसे सेना और वायु सेना दोनों में हेलिकॉप्टरों के साथ एकीकरण के लिए विकसित किया गया है। भारतीय सेना के संस्करण को 'हेलिना' के नाम से जाना जाता है जबकि भारतीय वायु सेना के संस्करण को 'ध्रुवस्त्र' कहा जाता है।