राज्य ऊर्जा और जलवायु सूचकांक

  • 21 Apr 2022

नीति आयोग द्वारा 11 अप्रैल, 2022 को राज्य ऊर्जा और जलवायु सूचकांक-राउंड I का शुभारंभ किया गया।

(Image Source: https://pib.gov.in/)

सूचकांक के उद्देश्य: ऊर्जा पहुंच, ऊर्जा खपत, ऊर्जा दक्षता और पर्यावरण की सुरक्षा में सुधार के प्रयासों के आधार पर राज्यों की रैंकिंग;

  • राज्य स्तर पर सस्ती, सुलभ, कुशल और स्वच्छ ऊर्जा संक्रमण के एजेंडे को आगे बढ़ाने में मदद करना;
  • ऊर्जा और जलवायु के विभिन्न आयामों पर राज्यों के बीच स्वस्थ प्रतिस्पर्धा को प्रोत्साहित करना।

महत्वपूर्ण तथ्य: राज्यों को आकार और भौगोलिक अंतर के आधार पर बड़े राज्यों, छोटे राज्यों और केंद्र-शासित प्रदेशों के रूप में वर्गीकृत किया गया है।

  • राज्यों और केंद्र-शासित प्रदेशों को संदर्भ वर्ष (2019-20) के आधार पर तीन समूहों में वर्गीकृत किया गया है- फ्रंट रनर (समग्र स्कोर 46 से अधिक), अचीवर्स (समग्र स्कोर 36 से 46 के बीच) और एस्पिरेंट्स (समग्र स्कोर 36 से कम)।
  • गुजरात, केरल और पंजाब को बड़े राज्यों की श्रेणी में शीर्ष तीन प्रदर्शनकर्ताओं के रूप में स्थान दिया गया है।
  • गोवा, छोटे राज्यों की श्रेणी में शीर्ष प्रदर्शन करने वाले राज्य के रूप में उभरा, इसके बाद त्रिपुरा और मणिपुर का स्थान है।
  • केंद्र-शासित प्रदेशों में, चंडीगढ़, दिल्ली और दमन और दीव और दादरा और नगर हवेली शीर्ष प्रदर्शनकर्ता हैं।
  • राज्य ऊर्जा और जलवायु सूचकांक राउंड I राज्यों के प्रदर्शन को 6 मापदंडों पर रैंक करता है। ये मापदंड हैं- (1) डिस्कॉम का प्रदर्शन (2) ऊर्जा की पहुंच, वहनीयता और विश्वसनीयता (3) स्वच्छ ऊर्जा पहल (4) ऊर्जा दक्षता (5) पर्यावरणीय स्थिरता; और (6) नई पहल।