सामयिक - 14 June 2025

सामयिक खबरें समिति-आयोग

अहमदाबाद प्लेन क्रैश की जांच हेतु उच्च स्तरीय समिति का गठन


14 जून 2025 को अहमदाबाद-लंदन एयर इंडिया फ्लाइट AI-171 की दुर्घटना के कारणों की जांच के लिए केंद्र सरकार ने एक उच्चस्तरीय बहुविषयक समिति का गठन किया।

मुख्य तथ्य:

  • उद्देश्य: समिति दुर्घटना के कारणों की जांच करेगी, मौजूदा मानक संचालन प्रक्रियाओं (SOPs) और दिशा-निर्देशों की समीक्षा करेगी, और भविष्य में ऐसी घटनाओं की रोकथाम व प्रबंधन के लिए व्यापक दिशानिर्देश सुझाएगी।
  • समिति का नेतृत्व: समिति का नेतृत्व केंद्रीय गृह सचिव- गोविंद मोहन करेंगे; इसमें नागरिक उड्डयन मंत्रालय, भारतीय वायुसेना, गुजरात राज्य, आपदा प्रबंधन, पुलिस, DGCA, BCAS, फोरेंसिक विज्ञान निदेशालय, इंटेलिजेंस ब्यूरो, और अन्य विशेषज्ञ शामिल होंगे।
  • कार्यक्षेत्र: समिति को फ्लाइट डेटा, कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डिंग, विमान रखरखाव लॉग, एटीसी लॉग, और गवाहों के बयान सहित सभी प्रमुख रिकॉर्ड तक पहुंच होगी; समिति तीन माह में रिपोर्ट देगी।
  • अतिरिक्त जांच: यह समिति अन्य एजेंसियों द्वारा चल रही जांचों के स्थान पर नहीं होगी, बल्कि SOPs और नीति सुधारों पर केंद्रित रहेगी।
  • आपात प्रतिक्रिया मूल्यांकन: समिति केंद्रीय एवं राज्य एजेंसियों की आपात प्रतिक्रिया, बचाव कार्यों और समन्वय की समीक्षा करेगी, और पोस्ट-क्रैश प्रबंधन के लिए जिम्मेदारियों का निर्धारण करेगी।
  • अंतरराष्ट्रीय समन्वय: यदि विदेशी नागरिक या विमान निर्माता जांच में शामिल हों, तो समिति अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों के साथ भी समन्वय करेगी।

पीआईबी न्यूज अंतरराष्ट्रीय

UN में गाजा पर वोटिंग से भारत ने बनाई दूरी


13 जून 2025 को,भारत ने संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) में ग़ज़ा में तत्काल और स्थायी संघर्षविराम की मांग वाले प्रस्ताव पर मतदान से चौथी बार (तीन वर्षों में) दूरी बनाई।

मुख्य तथ्य:

  • मतदान परिणाम: UNGA में 149 देशों ने संघर्षविराम के पक्ष में, 12 देशों ने विरोध में और 19 देशों (भारत सहित) ने मतदान से दूरी बनाई। प्रस्ताव में ग़ज़ा में युद्धविराम, बंधकों की रिहाई और मानवीय सहायता की निर्बाध आपूर्ति की मांग की गई थी।
  • भारत का रुख: भारत ने अपने स्थायी प्रतिनिधि के माध्यम से कहा कि वह ग़ज़ा में मानवीय संकट को लेकर चिंतित है, नागरिकों की सुरक्षा और मानवीय दायित्वों के पालन की आवश्यकता पर बल दिया, लेकिन केवल संवाद और कूटनीति को ही शांति का मार्ग बताया।
  • क्षेत्रीय स्थिति: भारत दक्षिण एशिया, BRICS और SCO समूहों का एकमात्र देश है जिसने इस प्रस्ताव पर मतदान से दूरी बनाई।
  • नीति में बदलाव: भारत ने दिसंबर 2024 में इसी तरह के संघर्षविराम प्रस्ताव के पक्ष में मतदान किया था, जबकि इस बार मतदान से दूरी बनाना उसकी नीति में बदलाव को दर्शाता है।
  • ऐतिहासिक संदर्भ: भारत ने 1988 में फिलिस्तीन को मान्यता दी थी और 193 UNGA सदस्यों में से 147 पहले ही फिलिस्तीन को मान्यता दे चुके हैं।
  • पिछला रिकॉर्ड: भारत ने अक्टूबर 2023 और 2023-24 में मानवाधिकार जांच संबंधी दो अन्य प्रस्तावों पर भी मतदान से दूरी बनाई थी।

पीआईबी न्यूज अंतरराष्ट्रीय

वियतनाम BRICS का 10वां पार्टनर-सदस्य बना


13 जून 2025 को, ब्राजील के विदेश मंत्रालय (BRICS 2025 के अध्यक्ष) ने घोषणा की कि वियतनाम आधिकारिक रूप से BRICS का 10वां पार्टनर- सदस्य बन गया है।

मुख्य तथ्य:

  • वियतनाम की स्थिति: वियतनाम अब BRICS का 10वां पार्टनर देश है, जो संगठन के अधिक समावेशी और प्रतिनिधित्वकारी अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था के दृष्टिकोण से जुड़ता है।
  • जनसंख्या और अर्थव्यवस्था: वियतनाम की जनसंख्या लगभग 10 करोड़ है और यह वैश्विक मूल्य श्रृंखलाओं में गहराई से एकीकृत एक तेज़ी से बढ़ती अर्थव्यवस्था है।
  • पार्टनर देश का दर्जा: पार्टनर देश की श्रेणी 2024 के कज़ान (रूस) BRICS शिखर सम्मेलन में बनाई गई थी; वियतनाम के अलावा बेलारूस, बोलीविया, कजाकिस्तान, क्यूबा, मलेशिया, नाइजीरिया, थाईलैंड, युगांडा और उज्बेकिस्तान भी पार्टनर देश हैं।
  • सदस्यता और सहयोग: पार्टनर देश BRICS के सदस्य नहीं हैं, लेकिन वे बैठकों में भाग ले सकते हैं और विकास परियोजनाओं में सहयोग कर सकते हैं; उन्हें न्यू डेवलपमेंट बैंक जैसी संस्थाओं के साथ भी निकट संबंध स्थापित करने का अवसर मिलता है।
  • हालिया सहभागिता: वियतनाम के प्रधानमंत्री फाम मिन्ह चिन्ह ने अक्टूबर 2024 में कज़ान में आयोजित BRICS+ शिखर सम्मेलन में भाग लिया था; जून 2024 में रूस के निज़नी नोवगोरोड में विकासशील देशों के सहयोग पर केंद्रित BRICS संवाद में वियतनामी प्रतिनिधिमंडल ने हिस्सा लिया।
  • BRICS का गठन: BRICS का गठन ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका द्वारा किया गया था; यह पश्चिमी G7 जैसे गुटों के विकल्प के रूप में उभरा है और वैश्विक अर्थव्यवस्था के डेडॉलराइजेशन को बढ़ावा देता है।

सामयिक सामान्य ज्ञान

 एक अध्ययन में पाया गया कि स्टैटिन (Statins) किस बीमारी से गंभीर रूप से बीमार रोगियों में मृत्यु दर को लगभग 40 प्रतिशत तक कम कर सकते हैं? -- सेप्सिस -- (हाल के अध्ययन में पाया गया है कि स्टैटिन गंभीर रूप से बीमार सेप्सिस रोगियों में मृत्यु दर को लगभग 40 प्रतिशत तक कम कर सकते हैं। स्टैटिन कोलेस्ट्रॉल कम करने वाली दवाएं हैं।)
 एम्पेरर पेंग्विन (Emperor Penguins) मुख्य रूप से अंटार्कटिका के किस सागर में सबसे बड़ी कॉलोनियों में प्रजनन करते हैं?  -- रॉस सागर और वेडेल सागर -- (एम्पेरर पेंग्विन अंटार्कटिका के आसपास लगभग 54 कॉलोनियों में प्रजनन करते हैं, जिनमें से सबसे बड़ी कॉलोनियाँ रॉस सागर और वेडेल सागर में हैं। जलवायु परिवर्तन अंटार्कटिक समुद्री बर्फ के शुरुआती पिघलने का कारण बन रहा है, जिससे सम्राट पेंग्विन के अस्तित्व को खतरा है।)
 CROPIC' पहल का मुख्य उद्देश्य क्या है? -- खेत की तस्वीरों और एआई-आधारित मॉडल का उपयोग करके फसल की जानकारी एकत्र करना -- (CROPIC (कलेक्शन ऑफ रियल टाइम ऑब्जर्वेशन्स एंड फोटो ऑफ क्रॉप्स) एक अभिनव डिजिटल पहल है जिसका उद्देश्य खेत की तस्वीरों और एआई-आधारित मॉडल का उपयोग करके फसल की जानकारी एकत्र करके भारत में फसलों की निगरानी और नुकसान का आकलन करने के तरीके में क्रांति लाना है।)
 सीबीआई द्वारा विकसित ऑनलाइन पोर्टल का नाम क्या है जो इंटरपोल सहयोग को सुगम बनाता है? -- भारतपोल (BHARATPOL) -- (भारतपोल (BHARATPOL) एक समर्पित ऑनलाइन पोर्टल है जिसे केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) द्वारा भारतीय कानून प्रवर्तन एजेंसियों और इंटरपोल के बीच अंतरराष्ट्रीय पुलिस सहयोग को सुविधाजनक बनाने के लिए विकसित किया गया है।)
 एयर कंडीशनर मुख्य रूप से ऊष्मा को एक स्थान से दूसरे स्थान पर कैसे स्थानांतरित करता है?  -- वाष्प-संपीड़न चक्र में रेफ्रिजरेंट का उपयोग करके -- (एक एयर कंडीशनर वाष्प-संपीड़न चक्र में रेफ्रिजरेंट का उपयोग करके ऊष्मा को एक स्थान से दूसरे स्थान पर स्थानांतरित करता है, जहां रेफ्रिजरेंट गर्मी को अवशोषित करता है, संपीड़ित होता है, गर्मी छोड़ता है और फिर विस्तारित होता है।
 भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) द्वारा संचालित 'बॉन्ड बायबैक' (Bond Buyback) का प्राथमिक उद्देश्य क्या है?  -- बैंकिंग प्रणाली में टिकाऊ तरलता डालना -- ('बॉन्ड बायबैक' एक ऐसी प्रक्रिया है जब RBI सरकार की ओर से परिपक्वता से पहले मौजूदा सरकारी प्रतिभूतियों (G-Secs) को बाजार से वापस खरीदता है ताकि बैंकिंग प्रणाली में टिकाऊ तरलता डाली जा सके।)

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