सामयिक - 16 August 2025
भारत के निर्यात में 7.3% और आयात में 8.6% वृद्धि
14 अगस्त, 2025 को, वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय के अस्थायी आंकड़ों के अनुसार जुलाई माह में भारत के वस्तु (मर्चेंडाइज़) निर्यात में 7.3% की वृद्धि हुई, जो 37.24 अरब डॉलर रहा। इसी माह में आयात 8.6% बढ़कर 64.59 अरब डॉलर पहुंचा।
मुख्य तथ्य:
- निर्यात वृद्धि: जुलाई 2025 में निर्यात 37.24 अरब डॉलर रहा, जो पिछले वर्ष जुलाई की तुलना में 7.3% अधिक है।
- प्रमुख निर्यात क्षेत्र: इंजीनियरिंग वस्तुएँ, रत्न एवं आभूषण, इलेक्ट्रॉनिक्स, दवाएँ, ऑर्गेनिक व इनऑर्गेनिक कैमिकल्स मुख्य निर्यात ड्राइवर रहे।
- इलेक्ट्रॉनिक वस्तुओं का प्रदर्शन: इलेक्ट्रॉनिक वस्तुओं का निर्यात जुलाई 2024 के 2.81 अरब डॉलर से 34% बढ़कर जुलाई 2025 में 3.77 अरब डॉलर हो गया।
- व्यापार घाटा: जुलाई माह में व्यापार घाटा 27.35 अरब डॉलर रहा, जो पिछले आठ महीनों में सबसे अधिक है। इसका मुख्य कारण आयात में 8.6% की तेज वृद्धि है।
- अप्रैल-जुलाई अवधि का आंकड़ा: चालू वित्त वर्ष के अप्रैल-जुलाई (2025-26) में वस्तुओं का निर्यात 149.20 अरब डॉलर, आयात 244.01 अरब डॉलर; वहीं पूरी अवधि में सामान और सेवाओं का कुल निर्यात 277.63 अरब डॉलर रहा, जो पिछले वर्ष की तुलना में 5.23% अधिक है।
सामयिक खबरें पारिस्थितिकी एवं पर्यावरण
प्लास्टिक प्रदूषण संधि पर सहमति नहीं
15 अगस्त, 2025 को, संयुक्त राष्ट्र की वैश्विक संधि वार्ता—जिसका उद्देश्य विश्व स्तर पर प्लास्टिक प्रदूषण समाप्त करना था—एक बार फिर गतिरोध में समाप्त हो गई। वार्ता निर्धारित समय सीमा पार रातभर जारी रही, लेकिन कोई सर्वसम्मत संधि नहीं बन सकी।
मुख्य तथ्य:
- वार्ता की स्थिति: 2022 से चल रहीं वार्ताएँ अब भी बँटी हुई हैं। लगभग 100 देश प्लास्टिक उत्पादन पर नियंत्रण के पक्ष में हैं, जबकि तेल उत्पादक देश रीसाइक्लिंग पर जोर देते हैं।
- वैज्ञानिक चिंता: प्लास्टिक में संभावित विषाक्त रसायन पाए जाते हैं जो छोटे-छोटे टुकड़ों में टूटने पर मानव स्वास्थ्य एवं पारिस्थितिकी के लिए खतरा बन सकते हैं।
- प्रदूषण की व्यापकता: माइक्रोप्लास्टिक्स अब मिट्टी, नदियों, वायु और मानव अंगों में पाए जा रहे हैं, जो गंभीर पर्यावरणीय व जैविक संकट है।
- संधि का लक्ष्य: मूल उद्देश्य 2024 के अंत तक अंतरराष्ट्रीय संधि को अंतिम रूप देना था, पर यह लक्ष्य अब संदिग्ध नजर आ रहा है।
- प्रतिक्रिया: क्यूबा ने इसे “ऐतिहासिक अवसर का चूकना” कहा, जबकि पलाऊ (द्वीप राज्यों का प्रतिनिधित्व) ने वार्ता की प्रगति की आलोचना की—क्योंकि वे संकट से अधिक प्रभावित होते हैं जबकि इसमें उनका योगदान न्यूनतम है।
पुतिन-ट्रंप अलास्का शिखर वार्ता
15 अगस्त, 2025 को, अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के बीच अलास्का में ऐलमेंडॉर्फ-रिचर्डसन सैन्य बेस पर हुई तीन घंटे की शिखर वार्ता पहली बार थी जब दोनों नेता यूक्रेन युद्ध शुरू होने के बाद आमने-सामने मिले। हालांकि “पर्सुइंग पीस” थीम के बावजूद कोई संघर्ष समाधान या युद्धविराम समझौता नहीं हुआ।
मुख्य तथ्य:
- पुतिन का कूटनीतिक लाभ: केवल उपस्थित होकर और किसी मुद्दे पर समझौता न करके पुतिन ने वैश्विक छवि में बदलाव पाया—वह अब रूस-यूक्रेन युद्ध के कारण अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अलग-थलग नहीं रहे।
- व्यापार एवं सुरक्षा एजेंडा: पुतिन ने रूस-अमेरिका व्यापार में 20% प्रतीकात्मक वृद्धि, ऊर्जा, डिजिटल इंडस्ट्री, हाई टेक्नोलॉजी, आर्कटिक सहयोग व संयुक्त सुरक्षा कार्य का उल्लेख किया। उनकी प्राथमिकता रूसी प्रतिबंध हटवाना रही।
- ट्रंप की उपलब्धि: ट्रंप ने बैठक को “उत्पादक” बताया, कुछ बिंदुओं पर सहमति की बात कही, लेकिन माना कि कोई अंतिम समझौता नहीं हुआ—“कोई डील नहीं, जब तक डील नहीं होती”।
- यूरोप व यूक्रेन की भूमिका: ट्रंप अब NATO देशों, यूक्रेन के राष्ट्रपति ज़ेलेंस्की और अन्य भागीदारों से बात करेंगे। आगे की रणनीति व संभावित “कड़ी कार्रवाई” के संकेत भी दिए।
- भारत की स्थिति: भारत ने बैठक में गहरी रुचि ली, क्योंकि रूस से तेल खरीद पर 25% अमेरिकी जुर्माना (टैरिफ) है, तथा भविष्य में और अधिक दंड की संभावना बनी हुई है। इस बैठक में कोई नकारात्मक खबर नहीं आई, अतः भारत के लिए दबाव कम होने की उम्मीद दिखी।
प्रधानमंत्री का राष्ट्र के लिए आत्मनिर्भरता का आह्वान
15 अगस्त, 2025 को, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वतंत्रता दिवस के अपने संबोधन में आर्थिक और सुरक्षा-संबंधित सुधारों की घोषणा की और देश को आत्मनिर्भर (self-reliant) बनने पर जोर दिया, साथ ही जनसंख्या संरचना बदलने की "षड्यंत्र" की भी चेतावनी दी।
मुख्य तथ्य:
- 'स्वदेशी' सेमीकंडक्टर योजना: भारत 2025 के अंत तक अपनी 'मेड-इन-इंडिया' सेमीकंडक्टर चिप्स लॉन्च करेगा, जिससे तकनीकी आत्मनिर्भरता बढ़ेगी।
- 'प्रधानमंत्री सुदर्शन चक्र वायु रक्षा प्रणाली' (Mission Sudarshan Chakra): 2035 तक वायु रक्षा प्रणाली का निर्माण किया जाएगा, जो सैन्य व नागरिक क्षेत्रों को सुरक्षा देगी और लक्षित प्रतिक्रिया के लिए सक्षम होगी।
- परमाणु ऊर्जा लक्ष्य: भारत अपनी परमाणु ऊर्जा क्षमता 2047 तक 10 गुना बढ़ाएगा, 10 नए प्लांट्स के माध्यम से।
- 'विकसित भारत रोज़गार योजना': पहली बार निजी क्षेत्र में नौकरी पाने वाले कर्मचारियों को ₹15,000 की एकमुश्त ग्रांट मिलेगी और रोजगार सृजन पर निजी क्षेत्र को अतिरिक्त प्रोत्साहन मिलेगा।
- आत्मनिर्भर रक्षा तकनीक: ऑपरेशन 'सिन्दूर' के दौरान भारतीय निर्मित हथियारों व systèmes की सफल तैनाती का उदाहरण देते हुए, प्रधानमंत्री ने रक्षा और आर्थिक आत्मनिर्भरता को विकसित भारत की नींव बताया।
- वैश्विक व्यापार पर असर: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा भारतीय वस्तुओं पर 50% टैरिफ लगाने के संदर्भ में मोदी ने "अर्थिक लालच" का उल्लेख किया और कहा कि भारत को अपने बलबूते बड़ा बनना है।
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