सामयिक - 23 May 2025
वित्त वर्ष 2024-25 में भारत में निवल एफडीआई में 96% की गिरावट
22 मई, 2025 को भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, वित्त वर्ष 2024-25 में भारत में निवल प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (Net FDI) 96% गिरकर केवल $353 मिलियन (लगभग $0.4 बिलियन) रह गया, जबकि पिछले वर्ष यह $10.1 बिलियन था।
मुख्य तथ्य:
- निवल एफडीआई: 2020-21 में $44 अरब, 2021-22 में $38.6 अरब, 2022-23 में $28 अरब, 2023-24 में $10.1 अरब और 2024-25 में केवल $353 मिलियन रहा।
- सकल एफडीआई: वित्त वर्ष 2024-25 में सकल एफडीआई $75.1 अरब रहा, जो पिछले वर्ष के $65.2 अरब से 15.2% अधिक है।
- गिरावट के कारण: निवल एफडीआई में गिरावट का मुख्य कारण विदेशी कंपनियों द्वारा मुनाफा वापस ले जाना ($48.9 अरब) और भारतीय कंपनियों द्वारा विदेशों में निवेश (Outward FDI) का दोगुना होकर $24.8 अरब पहुंचना है।
- क्षेत्रीय वितरण: एफडीआई प्रवाह में विनिर्माण क्षेत्र अग्रणी रहा; सिंगापुर (29.8%), मॉरिशस और अमेरिका प्रमुख स्रोत देश रहे।
- आर्थिक सर्वेक्षण: आर्थिक सर्वेक्षण 2024-25 के अनुसार, निवल एफडीआई में गिरावट को पूंजी बाजार की परिपक्वता और विदेशी निवेशकों द्वारा आईपीओ व सेकेंडरी सेल्स से लाभ उठाने के रूप में देखा जा रहा है, हालांकि इससे चालू खाते के घाटे (CAD) में वृद्धि की आशंका है।
द्वितीय लैंसेट आयोग रिपोर्ट
22 मई, 2025 को विश्व स्वास्थ्य सभा में “द्वितीय लैंसेट आयोग रिपोर्ट ऑन एडोलसेंट हेल्थ एंड वेलबीइंग” जारी की गई, जिसमें किशोर स्वास्थ्य व कल्याण के लिए अधिक निवेश और सक्षम कानूनों की आवश्यकता बताई गई।
मुख्य तथ्य:
- वैश्विक आंकड़े: विश्व की कुल जनसंख्या का लगभग 24% (करीब 2 अरब) किशोर (10-24 वर्ष) हैं; 2030 तक 1 अरब किशोर ‘मल्टी-बर्डन’ देशों में रहेंगे, जहां जटिल स्वास्थ्य चुनौतियां होंगी।
- स्वास्थ्य चुनौतियां: 2030 तक 464 मिलियन किशोर अधिक वजन/मोटापे के होंगे (2015 से 143 मिलियन अधिक); 42 मिलियन वर्ष का स्वस्थ जीवन मानसिक रोग/आत्महत्या के कारण खो जाएगा।
- वित्तीय असमानता: 2016-21 में किशोर स्वास्थ्य के लिए कुल स्वास्थ्य विकास सहायता का केवल 2.4% ही खर्च हुआ, जबकि किशोर विश्व की 25.2% आबादी हैं।
- प्रगति और चुनौतियां: पिछले दो दशकों में किशोर मृत्यु दर में 27% कमी आई; तंबाकू-शराब सेवन घटा, शिक्षा में वृद्धि हुई, परंतु एनीमिया, मोटापा, मानसिक स्वास्थ्य और डिजिटल युग की चुनौतियां बढ़ीं।
- क्षेत्रीय वितरण: 2100 तक 46% किशोर अफ्रीका में और 85% अफ्रीका या एशिया में रहेंगे; संघर्ष-प्रभावित क्षेत्रों में किशोरों की संख्या 1990 के बाद दोगुनी होकर 340 मिलियन हो गई।
भारत ने यूके-मॉरीशस चागोस संधि का स्वागत किया
22 मई, 2025 को भारत ने यूनाइटेड किंगडम और मॉरीशस के बीच चागोस द्वीपसमूह (Chagos Archipelago), जिसमें डिएगो गार्सिया (Diego Garcia) भी शामिल है, पर मॉरीशस की संप्रभुता लौटाने संबंधी संधि का स्वागत किया।
मुख्य तथ्य:
- संधि का उद्देश्य: ब्रिटेन ने मॉरीशस को चागोस द्वीपसमूह की संप्रभुता सौंपने के लिए £3.4 बिलियन (लगभग $4.6 बिलियन) का समझौता किया; डिएगो गार्सिया द्वीप पर यूके-यूएस सैन्य अड्डे के संचालन के लिए 99 वर्ष की लीज़ पर अधिकार बनाए रखेगा।
- लीज़ और भुगतान: ब्रिटेन अगले 99 वर्षों तक डिएगो गार्सिया के सैन्य अड्डे के लिए £101 मिलियन प्रति वर्ष मॉरीशस को भुगतान करेगा; पहले तीन वर्षों में £165 मिलियन, अगले 10 वर्षों में £120 मिलियन प्रति वर्ष, फिर मुद्रास्फीति के अनुसार समायोजन।
- ऐतिहासिक संदर्भ: चागोस द्वीपसमूह 1814 से ब्रिटेन के अधीन था; 1965 में मॉरीशस से अलग किया गया और 1970 के दशक में डिएगो गार्सिया पर सैन्य अड्डा स्थापित करने के लिए 1,500 निवासियों को विस्थापित किया गया।
- भारत का रुख: भारत ने हमेशा मॉरीशस की वैध संप्रभुता के दावे का समर्थन किया है और इस संधि को अंतरराष्ट्रीय कानून व नियम-आधारित व्यवस्था की जीत बताया है।
- क्षेत्रीय प्रभाव: यह संधि हिंद महासागर क्षेत्र में समुद्री सुरक्षा, स्थिरता और शांति के लिए महत्वपूर्ण मानी जा रही है; भारत ने मॉरीशस और अन्य समान विचारधारा वाले देशों के साथ सहयोग बढ़ाने की प्रतिबद्धता जताई है।
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