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भारत की अशांति के जनक
इस स्वतंत्रता सेनानी पर तीन बार राजद्रोह का आरोप लगाया गया था, इन्होंने कांग्रेस के सूरत विभाजन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी और लखनऊ संधि 1916 में उत्प्रेरक के रूप में कार्यरत थे। उन्हें "अंग्रेजों द्वारा भारत की अशांति के जनक" के रूप में माना जाता था। ये सभी संदर्भ निम्नलिखित में से किस से सम्बंधित हैं?
A |
ए. सी. मजूमदार
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B |
लाला लाजपत राय
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C |
बाल गंगाधर तिलक
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D |
अरबिंदो घोष
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Explanation :
बाल गंगाधर तिलक को अंग्रेजों द्वारा "भारत की अशांति का जनक" कहा जाता था। उन पर पहली बार राजद्रोह का आरोप 1897 में प्लेग आयुक्त रैंड के खिलाफ कार्य करने के लिए प्रोत्साहित करने के कारण लगाया गया था। मई और जून 1908 में "केसरी" में प्रकाशित कुछ लेखों के संबंध में दूसरी बार उन पर राजद्रोह का आरोप लगाते हुए 1909 में उन्हें मांडले (बर्मा) की जेल भेज दिया गया था। 1916 की लखनऊ संधि में तिलक ने उत्प्रेरक के रूप में कार्य किया, जिसमें जिन्ना द्वारा भी समान रूप से महत्वपूर्ण भूमिका निभाई गई और इसलिए, सरोजिनी नायडू ने जिन्ना को "हिंदू-मुस्लिम एकता के राजदूत" के रूप में संदर्भित किया।
प्रारंभिक परीक्षा के लिए यह प्रश्न इतना महत्वपूर्ण क्यों है?
हाल ही में, "गणपति महोत्सव" को पहले सार्वजनिक त्यौहार के रूप में शुरू करने वाले के नाम को लेकर विवाद देखा गया है। इसके कारण, तिलक समाचारों में हैं और इसलिए हम छात्रों का ध्यान आधुनिक भारत का अध्ययन करते समय, स्वतंत्र भारत के निर्माण में तिलक की भूमिका की ओर आकृष्ट करने का प्रयास कर रहे हैं।
स्रोत: द हिंदू
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