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नालसा
हाल ही में हुए, धारा 377 के निरस्तीकरण के कारण, "राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण" (नालसा) समाचारों में है। नालसा के संबंध में निम्नलिखित कथनों पर विचार करें:
- यह एक गैर सरकारी संगठन है जो समाज के कमजोर और गरीब वर्ग के लोगों के हितों के लिए कार्य करता है।
- केंद्रीय स्तर पर भारत के मुख्य न्यायाधीश इसके मुख्य संरक्षक होते हैं।
- नालसा विवादों के सौहार्दपूर्ण निस्तारण के लिए लोक अदालतों का संचालन करता है।
नीचे दिए गए कूट से सही कथन का चयन करें:
A |
केवल I और II
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B |
केवल II और III
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C |
I, II, III
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D |
केवल III
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Your Ans is
Right ans is B
Explanation :
"राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण" (नालसा) का गठन विधिक सेवा प्राधिकरण अधिनियम, 1987 के तहत समाज के कमजोर वर्गों को मुफ्त कानूनी सेवाएं प्रदान करने और विवादों के सौहार्दपूर्ण निस्तारण के लिए लोक अदालतों का संचालन करने के लिए किया गया है। इसलिए, यह स्पष्ट है कि यह एक गैर सरकारी संगठन नहीं, अपितु एक सांविधिक निकाय है।केंद्रीय स्तर पर भारत के मुख्य न्यायाधीश इसके मुख्य संरक्षक होते हैं और राज्य स्तर पर उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश इसके मुख्य संरक्षक होते हैं।
स्रोत: द हिंदू, इंडियन एक्सप्रेस
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