संसद प्रश्न और उत्तर

चिकोरी कॉफी

चिकोरी कॉफी (Chicory coffee), कॉफी अधिनियम 1942 में प्रदान की गई कॉफी की परिभाषा के अंतर्गत नहीं आती है, क्योंकि यह एक रुबियासियस पौधे (Rubiaceous plant) से प्राप्त नहीं होती है।


राष्ट्रीय परियोजना'

जल शक्ति मंत्रालय द्वारा 2014 से, आंध्र प्रदेश की एक नई परियोजना पोलावरम सिंचाई परियोजना को 'राष्ट्रीय परियोजना' (National Project) के रूप में घोषित किया गया है।


एनीमिया मुक्त भारत सूचकांक

स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने पोषण अभियान के तहत एनीमिया मुक्त भारत (AMB) रणनीति शुरू की है।


ग्रामीण स्वच्छता रणनीति

भारत सरकार ने खुले में शौच से मुक्त (ओडीएफ) प्लस भारत के विजन को प्राप्त करने के उद्देश्य से दस साल की ग्रामीण स्वच्छता रणनीति (2019-2029) तैयार की थी।


भारत में पुलिस-जनसंख्या अनुपात

पुलिस अनुसंधान और विकास ब्यूरो (BPR&D) द्वारा पुलिस संगठनों के संबंध में संकलित किये गए आंकड़ों के अनुसार प्रति लाख व्यक्तियों पर पुलिस कर्मियों का अनुपात 1 जनवरी, 2020 को स्वीकृत संख्या के आधार पर 195.39 और वास्तविक संख्या के आधार पर 155.78 है।


आपदा मित्र योजना

इस योजना के तहत 350 जिलों में आपदा मोचन के लिए एक लाख पूर्ण-रूपेण स्वस्थ स्वयंसेवकों को प्रशिक्षित किया जाना है।


राष्ट्रीय ई-विधान एप्लिकेशन परियोजना

'वन नेशन वन एप्लीकेशन' (One Nation One Application) की तर्ज पर विकसित राष्ट्रीय ई-विधान एप्लिकेशन (National eVidhan Application- NeVA) परियोजना का मुख्य उद्देश्य पूरे भारत के सभी विधानमंडलों को 'डिजिटल सदनोंमें परिवर्तित करना है, ताकि वे समस्त सरकारी कार्य को डिजिटल प्लेटफॉर्म पर कागज रहित मोड में निष्पादित करने में सक्षम हो सकें।


एयरपोर्ट कार्बन प्रत्यायन कार्यक्रम

भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण (AAI) ने स्वच्छ और नवीकरणीय संसाधनों के उपयोग से कार्बन उत्सर्जन में कमी का आकलन करने के लिए एयरपोर्ट काउंसिल इंटरनेशनल (ACI) - एयरपोर्ट कार्बन प्रत्यायन कार्यक्रम (Airport Carbon Accreditation Programme) को चार हवाई अड्डों कोलकाता, भुवनेश्वर, वाराणसी और त्रिवेंद्रम पर लागू किया है।


डिजिटल गांव योजना

इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने 31 अक्टूबर, 2018 को 'पायलट - परियोजना डिजिटल गांव के कार्यान्वयन’ की शुरुआत की, जिसमें देश भर के 700 ग्राम पंचायत / गाँव शामिल हैं।


कृषि वोल्टेज प्रौद्योगिकी

आईसीएआर-केंद्रीय शुष्क क्षेत्र अनुसंधान संस्थान, जोधपुर द्वारा 105 किलोवाट क्षमता की कृषि-वोल्टीय प्रणाली विकसित की गई थी। यह तकनीक एक ही भूमि के के टुकड़े पर साथ-साथ विद्युत् उत्पादन और नकदी फसलों को उगाकर किसानों की आय बढ़ा सकती है।


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