‘पारदर्शी कराधान: ईमानदार का सम्मान’ मंच की शुरुआत

  • 18 Aug 2020

  • भारत के करदाताओं को पुरस्कृत करने तथा कर व्यवस्था को और बेहतर बनाने हेतु 13 अगस्त, 2020 को भारत सरकार ने एक नये मंच “पारदर्शी कराधान - ईमानदार का सम्मान” का लोकार्पण किया।
  • यह देश के ईमानदार करदाताओं को सम्मानित करने के लिए एक मंच है।

उद्देश्य

  • इस मंच का उद्देश्य, कोरोनोवायरस (COVID-19) महामारी के बीच कर प्रणाली को "जन केंद्रित और सार्वजनहितैषी (People-Centric & Public Friendly)” बनाकर अनुपालन की प्रक्रिया को आसान करना है। इसके साथ ईमानदार करदाताओं को लाभ पहुंचाने के लिए उनके खाते में तीव्र गति से धन-वापसी(Refund) करना है।

आवश्यकता

  • 130 करोड़ लोगों के देश में कर का भुगतान करने वाले करदाताओं की संख्या सिर्फ़ 1.5 करोड़ है, जो कि काफ़ी कम है।

पृष्ठभूमि

  • यह नई योजना, “पारदर्शी कराधान - ईमानदार का सम्मान”भारत सरकार द्वारा सितंबर 2019 में शुरू किया गये ई-मूल्यांकन योजना-2019 का विस्तार है।

प्रमुख विशेषताऐं

अव्यक्तिगत कर निर्धारण (Faceless Assessment)

  • यह करदाता और आयकर विभाग के बीच के अंतराफलक (इंटरफेस) को ख़त्म करता है।
  • करदाता को आयकर कार्यालय या अधिकारी के पास जाने की कोई आवश्यकता नहीं होगी।
  • एनालिटिक्स और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का उपयोग करने वाले सिस्टम के माध्यम से करदाता का चुनाव संभव है।
  • यह प्रणाली प्रादेशिक क्षेत्राधिकार को समाप्त कर देती है।
  • एक करदाता एक विशेष शहर से संबंधित हो सकता है लेकिन मूल्यांकन आदेश, समीक्षा और निश्चयात्मकता (Finalisation) विभिन्न शहरों में होगा।

अव्यक्तिगतदर्ख़्वास्त (Faceless Appeal)

  • इस प्रणाली के तहत, किसी के दर्ख़्वास्त का ज़िम्मादेश में किसी भी अधिकारी को यादृच्छिक रूप से दी जाएगी। दर्ख़्वास्तका फैसला करने वाले अधिकारी की पहचान अज्ञात रहेगी।
  • करदाता को आयकर कार्यालय या अधिकारी के पास जाने की आवश्यकता नहीं होगी।
  • दर्ख़्वास्त का निर्णय टीम आधारित होगी और उन दर्ख़्वास्तों की समीक्षा की जाएगी।
  • अपवाद: फेसलेस करमूल्यांकन और अपीलों का लाभ निम्न संबंधित मामलों पर लागू नहीं होता है:
    • गंभीर धोखाधड़ी
    • प्रमुख कर चोरी
    • संवेदनशील और खोजी मामलों
    • अंतर्राष्ट्रीय कर
    • काला धन अधिनियम और बेनामी संपत्ति

करदाता चार्टर (अधिकार पात्र)

  • यह कर अधिकारियों और करदाताओं दोनों के अधिकारों और जिम्मेदारियों को रेखांकित करता है।

कार्यान्वयन

  • अव्यक्तिगत कर निर्धारण (Faceless Assessment)और करदाता के अधिकार पात्र (Taxpayer’s Charter) को तत्काल प्रभाव से लागू किया गया तथा अव्यक्तिगत दर्ख़्वास्त (Faceless Appeal)25 सितंबर 2020 से प्रभावी होगी।

प्रभाव

  • कर प्रणाली को मजबूत करना: यह मंच सरकार कीकर प्रणालियोंमें सुधार और सरलीकरण के प्रयासों को मजबूती देगा। यह कई ईमानदार कर दाताओं को लाभान्वित करेगा, जिनकी कड़ी मेहनत से राष्ट्रीय प्रगति होती है। यह एक समेकित (Seamless), अव्यक्तिगत (Faceless) और कागज विहीन (Paperless) प्रशासन कोमजबूती प्रदान करेगा।
  • अत्यधिक पारदर्शिता: यह कदम आयकर व्यवस्था में पारदर्शिता लाने, कर अनुपालन को आसान बनाने और कोरोनवायरस संकट के बीच ईमानदार करदाताओं को पुरस्कृत करने के उद्देश्य से बड़े कर सुधारों की शुरूआत करेगा।
  • राष्ट्र निर्माण: देश के ईमानदार करदाताराष्ट्र निर्माण में बहुत बड़ी भूमिका निभाते हैं।जब देश के ईमानदार करदाताओं का जीवन आसान हो जाता है तो देश भी आगे बढ़ता है तब देश भी विकसित होता है। इसके अलावा, यह एक स्व-विश्वसनीय भारत, आत्म निर्भर भारतके लक्ष्य को प्राप्त करने में मदद करेगा।

हाल ही में हुए कर सुधार

  • लंबित कर विवादों का समाधान करने की दृष्टि से आईटी विभाग ने प्रत्यक्ष कर "विवाद् से विश्वास अधिनियम, 2020" भी लाया, जिसके तहत वर्तमान में विवादों के निपटारे के लिए घोषणाएँ दायर की जा रही हैं।
  • मार्च, 2020 में लाभांश वितरण कर को भी समाप्त कर दिया गया।
  • दस्तावेज़ पहचान संख्या (DIN) पेश की गई थी, जिसमें विभाग का हर संचार आधिकारिक संचार में अधिक पारदर्शिता लाते हुए एक कंप्यूटर-जनित अद्वितीय दस्तावेज़ पहचान संख्या ले जाएगा।
  • सितंबर, 2019 में कॉर्पोरेट टैक्स की दरों को 30 प्रतिशत से घटाकर 22 प्रतिशत कर दिया गया था और नई विनिर्माण इकाइयों के लिए दरों को घटाकर 15 प्रतिशत कर दिया गया था।
  • कर स्लैब को भी चल रहे सुधारों के एक हिस्से के रूप में युक्तिसंगत बनाया गया है जहां 5 लाख रुपये तक की आय पर शून्य कर है, जबकि शेष स्लैब में भी कर की दर कम की गई है।
  • करदाता शिकायतों / मुकदमों को प्रभावी रूप से कम करने के लिए, विभिन्न अपीलीय न्यायालयों में विभागीय अपील दायर करने के लिए मौद्रिक सीमाएं बढ़ा दी गई हैं।

शामिल किए गए मुद्दे

  • नई घोषित प्रणाली में गंभीर धोखाधड़ी, प्रमुख कर चोरी>, संवेदनशील और खोज मामलों को फेसलेस अपीलों के दायरे से बाहर रखा गया है।
  • यह अंतर्राष्ट्रीय कराधान और ब्लैक मनी अधिनियम के साथ-साथ बेनामी संपत्ति अधिनियम को भी शामिल नहीं करता है।
  • कर अधिकारी नए फेसलेस कर आकलन योजना के ख़िलाफ़ जोर दे रहे हैं। वे परिवर्तन को लागू करने के लिए परामर्श और अपर्याप्त संसाधन की कमीमें समस्याओं को देखते हैं।
  • उनके अनुसार, फेसलेस कर आकलन,कर वसूली को कम कर सकता है,जो चालू वित्त वर्ष के लिए उच्च कर लक्ष्यों को पूरा करने के लिए अधिकारियों पर दबाव बढ़ा सकता है।

आगे का रास्ता

  • भारत के कर प्रशासन को कर उत्पीड़न के लिए जाना जाता है, जहां कर राजस्व बढ़ाने के दौरान अति-इरादतन अधिकारियों ने विकास को प्रभावित किया है और कई बार फ़ायदे से अधिक नुकसान हुआ है।
  • अधिकारियों द्वारा कथित कर उत्पीड़न के मुद्दे ने भारत में बहुत ध्यान आकर्षित किया जब भारत की सबसे बड़ी कॉफी शॉप श्रृंखला के संस्थापक वीजी सिद्धार्थ ने जुलाई, 2019 में आत्महत्या कर ली और उसके पीछे एक नोट छोड़ गए जिसमें उन्होंने कर अधिकारियों पर उत्पीड़न का आरोप लगाया था।
  • मंच का शुभारंभ एक ऐतिहासिक निर्णय है और यह करदाताओं की सहायता के लिए सीबीडीटी द्वारा उठाए गए कई उपायों का पालन करते हुएप्रत्यक्ष कर सुधारों की यात्रा को आगे बढ़ाता है।