मल्लखंब

  • 28 Nov 2020

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 25 अक्टूबर, 2020 को मन की बात की 70वीं कड़ी में, अमेरिका का उल्लेख किया, जहां चिन्मय पाटणकर और प्रज्ञा पाटणकर के प्रयासों के कारण एक प्राचीन भारतीय खेल 'मल्लखंब' में काफी रूचि दिखाई दे रही है।

  • मलखंब भारत का एक पारम्परिक खेल है, जिसमें खिलाड़ी लकड़ी के एक उर्ध्व खम्भे या रस्सी के उपर तरह-तरह के करतब दिखाते हैं। यह मन और शरीर के तालमेल पर काम करता है।
  • इसका नाम पहलवानों द्वारा अपने कौशल का अभ्यास करने के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले खम्भे के नाम पर रखा गया है।
  • संस्कृत में 'मल्ल' शब्द का अर्थ है एक पहलवान या एक एथलीट और मराठी में 'खंब' या खम का अर्थ खम्भा होता है। इसलिए, मल्लखंब को खम्भे पर कुश्ती के रूप में जाना जाता है। दो अन्य मल्लखंब शैलियाँ हैं, जैसे कि 'रस्सी मल्खंलब' (rope mallakhamb) और 'हैंगिंग मल्लखंब’ (hanging mallakhamb)।
  • लकड़ी के खंभों पर अभ्यास करने वाले पहलवानों का उल्लेख 1153 ई. में चालुक्य द्वारा लिखित मानशोलों में मिलता है। इसे 19वीं शताब्दी के अंत में ‘बाजीराव पेशवा II’ के शारीरिक प्रशिक्षक बालमभट्ट दादा देवधर द्वारा पुनर्जीवित किया गया था।