जेरेंगा पोथार
- 06 Feb 2021
 
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 23 जनवरी, 2021 को असम के शिवसागर जिले में ऐतिहासिक जेरेंगा पोथार के स्वदेशी समुदायों को एक लाख से अधिक भूमि पट्टों (दस्तावेजों) का वितरण किया।
- शिवसागर को पूर्व में रंगपुर के रूप में जाना जाता था, इसका संबंध शक्तिशाली अहोम वंश से है, जिसने छ: शताब्दियों (1228-1826) तक असम पर शासन किया था।
 - शिवसागर शहर में जेरेंगा पोथार एक खुला मैदान है, जो 17वीं शताब्दी की अहोम राजकुमारी जॉयमती की वीरता के कारण लोकप्रिय है।
 - सन् 1671 से 1681 तक अहोम राजाओं का शासन काफी उथल-पुथल के दौर से गुजरा। अकुशल प्रधानसेवकों ने राजाओं की परेशानी बढ़ा दी थी।
 - इसी दौरान लोरा राजा के नाम से जाना जाने वाले सुलिखपा और उनके प्रधानमंत्री लालुकास्ला बोरफूकन ने राज हासिल करने के लिए अपने कई उत्तराधिकारियों को मरवा दिया था।
 - राजकुमारी जॉयमती के पति राजकुमार गोडापानी उनके अगले शिकार थे। वह उनसे बचकर नागा हिल्स भाग गए।
 - इसके बाद लोरा राजा ने उनकी पत्नी जॉयमती को पकड़ लिया। जॉयमती को इसके लिए कई दिनों तक यातनाएं दी गईं, लेकिन उन्होंने साहस नहीं छोड़ा और उनके आगे नहीं झुकीं। उन्होंने राजकुमार के बारे में कोई जानकारी नहीं दी। उन्हें इसी मैदान में खूब यातनाएं दी गईं। कहा जाता है उन्हें एक कांटेदार पेड़ से बांध दिया गया था। इसके चलते उन्होंने दम तोड़ दिया था।
 
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