मलेरिया रोगवाहक मच्छर के विस्तृत जीनोम का अनावरण

  • 15 Feb 2021

वैज्ञानिकों ने मलेरिया रोगवाहक मच्छर (malaria mosquito vector) के विस्तृत जीनोम का अनावरण किया है, जिससे रोग संचरण की आनुवंशिक नियंत्रण रणनीतियों के विकास के लिए महत्वपूर्ण हजारों नए जीनों का पता चला है।

महत्वपूर्ण तथ्य: अनुसंधानकर्ताओं में बेंगलुरु स्थित टाटा इंस्टीट्यूट फॉर जेनेटिक ऐंड सोसाइटी (TIGS) एवं इंस्टीट्यूट ऑफ बायोइंफॉर्मेटिक्स ऐंड एप्लायड बायोटेक्नोलॉजी के वैज्ञानिक शामिल थे।

  • लक्षित CRISPR और जीन आधारित रणनीतियों सहित मलेरिया संचरण के खिलाफ रक्षा के उन्नत रूपों को डिजाइन करने के लिए, वैज्ञानिकों को रोगवाहक मच्छरों के जीनोम के जटिल ज्ञान की आवश्यकता होती है।
  • CRISPR तकनीक एक जीन-संपादन तकनीक (gene-editing tool) है, जो शोधकर्ताओं को डीएनए अनुक्रमों को आसानी से बदलने और जीन को संशोधित करने की अनुमति देती है।
  • एशियाई मलेरिया रोगवाहक मच्छर 'एनोफेलीज स्टेफेंसी' (Anopheles stephensi) के लिए एक नया संदर्भ जीनोम तैयार किया गया है।
  • नए उन्नत ‘एनोफेलीज स्टेफेंसी' जीनोम के साथ, टीम ने 3,000 से अधिक जीनों का पता लगाया जो पहले से जांच किए गए थे। ये जीन मच्छरों के रक्त चूसने, रक्त को पचाने, प्रजनन एवं बीमारी फैलाने वाले जीवाणु के प्रति प्रतिरोधक क्षमता विकसित करने में अहम भूमिका निभाते हैं।
  • यह संदर्भ जीनोम विशेष रूप से 2030 तक भारत में मलेरिया उन्मूलन के राष्ट्रीय लक्ष्य को ध्यान में रखते हुए भारत में मलेरिया जीवविज्ञानियों के लिए सहायक होगा।