अधिकरण सुधार (सुव्यवस्थीकरण और सेवा शर्तें) अध्यादेश 2021

  • 08 Apr 2021

4 अप्रैल, 2021 को विधि और न्याय मंत्रालय द्वारा जारी अधिकरण सुधार (सुव्यवस्थीकरण और सेवा शर्तें) अध्यादेश 2021 को अधिसूचित किया गया है।

महत्वपूर्ण तथ्य: अध्यादेश के द्वारा फिल्म प्रमाणन अपीलीय न्यायाधिकरण (FCAT) सहित कुछ अपीलीय न्यायाधिकरणों को भंग करके उनके कार्यों को अन्य मौजूदा न्यायिक निकायों के लिए स्थानांतरित किया गया है।

  • केंद्र सरकार को अधिकरण के सदस्यों की अहर्ता, नियुक्ति, कार्यकाल तथा अन्य सेवा शर्तों संबंधी नियम बनाने का अधिकार दिया गया है।
  • इसने सिनेमैटोग्राफ अधिनियम, कॉपीराइट अधिनियम, सीमा शुल्क अधिनियम, पेटेंट अधिनियम, भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण अधिनियम, ट्रेड मार्क अधिनियम, भौगोलिक संकेत (पंजीकरण और संरक्षण) अधिनियम, पौधों की विविधता संरक्षण और कृषि अधिकार अधिनियम, राष्ट्रीय राजमार्ग नियंत्रण (भूमि और यातायात) अधिनियम और वित्त अधिनियम में संशोधन किया है।
  • अधिकरण का अध्यक्ष, 4 वर्षों की अवधि तक अथवा 70 वर्ष की आयु पूरी होने तक, जो भी पहले हो, पद पर रहेगा। अधिकरण के अन्य सदस्य 4 वर्ष की अवधि अथवा 67 वर्ष की आयु पूरी होने तक, जो भी पहले हो, अपने पद पर रहेंगे।
  • सिनेमैटोग्राफ अधिनियम में, अपीलीय निकाय अब FCATके स्थान पर ‘उच्च न्यायालय’ होगा। ‘वाणिज्यिक न्यायालय या उच्च न्यायालय के वाणिज्यिक विभाग’ कॉपीराइट अधिनियम में अपीलीय निकाय होंगे।
  • फिल्म प्रमाणन अपीलीय न्यायाधिकरण (FCAT) 1983 में सिनेमैटोग्राफ अधिनियम, 1952 की धारा 5डी के तहत सूचना और प्रसारण मंत्रालय द्वारा गठित एक सांविधिक निकाय था। इससका गठन केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड (सीबीएफसी) से असंतुष्ट फिल्म निर्माताओं की अपील सुनने के लिए किया गया था।