ब्लैक फंगस एक अधिसूचित रोग

  • 28 May 2021

केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने 20 मई, 2021 को राज्यों व केंद्र-शासित प्रदेशों को म्यूकोरमायकोसिस (Mucormycosis) या ब्लैक फंगस को अधिसूचित रोग (notifiable disease) घोषित करने के लिए कहा है।

महत्वपूर्ण तथ्य: महामारी रोग अधिनियम 1897 के तहत अधिसूचित रोग (notifiable disease) घोषित किये जाने के बाद सभी सरकारी और निजी स्वास्थ्य सुविधाओं, मेडिकल कॉलेज को इसकी स्क्रीनिंग, निदान व प्रबंधन के लिए केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय और ICMR द्वारा जारी दिशा-निर्देशों का पालन करना होगा।

  • इसके तहत सभी सरकारी और निजी स्वास्थ्यसुविधाओं को ‘स्वास्थ्य विभाग’ और ‘एकीकृत रोग निगरानी कार्यक्रम’ को संदिग्ध और पुष्ट सभी मामलों के बारे में सूचित करना अनिवार्य है।

अधिसूचित रोग: एक अधिसूचित रोग कोई भी ऐसा रोग है, जिसे कानूनी तौर सरकारी अधिकारियों को सूचित करने की आवश्यकता होती है।

  • स्वास्थ्य राज्य का विषय है, केवल राज्य सरकारों को अधिसूचित रोग घोषित करने का अधिकार है। हालांकि, केंद्र सरकार अधिसूचित रोगों की एक सूची रखती है।
  • विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के अंतरराष्ट्रीय स्वास्थ्य विनियम, 1969 के अनुसार डब्ल्यूएचओ को रोग की रिपोर्टिंग करना अनिवार्य है ताकि डब्ल्यूएचओ को इसकी वैश्विक निगरानी और सलाहकार की भूमिका में मदद मिल सके।

ब्लैक फंगस: ब्लैक फंगस एक दुर्लभ लेकिन गंभीर फंगल संक्रमण है, जो कुछ राज्यों में कोविड -19 रोगियों में अपेक्षाकृत बार-बार पाया जा रहा है।

  • यह म्यूकोरमायसेट (mucormycete) नामक एक प्रकार के फंगस/फफूंद के कारण होता है, जो पर्यावरण में प्रचुर मात्रा में होता है।
  • यह आमतौर पर साइनस, मस्तिष्क और फेफड़ों को प्रभावित करता है, लेकिन कई मामलों में यह शरीर के अन्य हिस्सों को भी प्रभावित कर सकता है जैसे कि जठरांत्र संबंधी मार्ग (gastrointestinal tract), त्वचा आदि।