पनडुब्बी रोधी युद्धपोत शैलो वाटरक्राफ्ट परियोजना

  • 16 Aug 2021

6 अगस्त, 2021 को नौसेना उप-प्रमुख वाइस एडमिरल एस एन घोरमाडे द्वारा वर्चुअल माध्यम में 'पनडुब्बी रोधी युद्धपोत शैलो वाटरक्राफ्ट परियोजना' (Anti-Submarine Warfare Shallow Water Craft: ASW-SWC Project) के पहले युद्धपोत और भारतीय नौसेना के लिए 'सर्वे वेसल लार्ज परियोजना' (Survey Vessel Large: SVL Project) के तीसरे युद्धपोत के निर्माण कार्य की आधारशिला रखी गई।

महत्वपूर्ण तथ्य: जहाज निर्माण कंपनी ‘गार्डन रीच शिपबिल्डर्स एंड इंजीनियर्स’ (GRSE) भारतीय नौसेना के लिए आठ ASW-SWC और चार SVL का निर्माण स्वदेशी जहाज निर्माण कार्यक्रम के हिस्से के रूप में करेगी।

  • ये पोत पुराने अभय-श्रेणी के कार्वेट की जगह लेंगे, जिन्होंने 1989 में भारतीय नौसेना के साथ सेवा में प्रवेश किया था।

ASW-SWC की विशेषताएं: ASW-SWC को 750 टन के गहरे विस्थापन, 25 समुद्री मील की गति हेतु डिजाइन किया गया है और यह तटीय जल की पूर्ण रूप से उप-सतह निगरानी में सक्षम है।

  • यह विमान के साथ ‘पनडुब्बी रोधी युद्धपोत संचालन’ का समन्वय भी करेगा।
  • पोत पनडुब्बी रोधी हथियारों जैसे- हल्के टॉरपीडो, ASW-रॉकेट से लैस है।

SVL की विशेषताएं: सर्वेक्षण पोत SVL परियोजना के तहत GRSE द्वारा बनाए जा रहे चार जहाजों में से तीसरा है। पोत अपने उन्नत सर्वेक्षण उपकरणों के साथ पूर्ण पैमाने पर तटीय और गहरे पानी के हाइड्रोग्राफिक सर्वेक्षण करने में सक्षम हैं।

  • 110 मीटर लंबा जहाज, 3300 टन के गहरे विस्थापन के साथ 231 कर्मियों को समायोजित करने में सक्षम है।