राष्ट्रीय लघु उद्योग दिवस

  • 04 Sep 2021

भारत सरकार ने देश में छोटे व्यवसायों का समर्थन करने के लिए 30 अगस्त, 2000 को लघु उद्योग के लिए एक व्यापक नीति पैकेज पेश किया था। भारत के विकास में लघु उद्योग के योगदान के उपलक्ष्य में तब से हर साल 30 अगस्त को छोटे उद्यमों को समर्पित ‘राष्ट्रीय लघु उद्योग दिवस’ मनाया जाता है।

  • एमएसएमई मंत्रालय द्वारा शुरू किए गए कुछ प्रमुख सुधार इस प्रकार हैं-

एमएसएमई परिभाषा में संशोधन: देश में एमएसएमई को सक्रिय करने पर भारत सरकार की उच्च प्राथमिकता के अनुरूप, भारत सरकार ने 1 जून, 2020 को आत्मनिर्भर भारत पैकेज के तहत इसकी मजबूती को आगे बढ़ाने के लिए एमएसएमई परिभाषा में संशोधन की मंजूरी दी। सरकार ने निवेश और वार्षिक व्यापार, दोनों के संयुक्त मानदंड को सम्मिलित करके एमएसएमई वर्गीकरण को संशोधित किया।

उद्यम पंजीकरण: उद्यम पंजीकरण दाखिल करने की एक ऑनलाइन और सरलीकृत प्रक्रिया है, जो एमएसएमई को बिना किसी दस्तावेज व शुल्क के पंजीकरण प्राप्त करने में सक्षम बनाती है।

चैंपियन्स पोर्टल: यह एक सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी आधारित प्रौद्योगिकी प्रणाली है, जिसका उद्देश्य छोटी इकाइयों को उनकी शिकायतों का समाधान करके, प्रोत्साहित करके, समर्थन करके, सहायता करके और पूरे व्यावसायिक जीवनचक्र के दौरान संभालकर उन्हें बड़ी इकाई बनाना है। यह मंच एमएसएमई की सभी जरूरतों के लिए एकल खिड़की समाधान की सुविधा प्रदान करता है।

राष्ट्रीय एससी-एसटी केंद्र: एससी-एसटी समुदाय में उद्यमिता संस्कृति को बढ़ावा देने और सार्वजनिक खरीद नीति आदेश, 2018 में उल्लिखित 4 फीसदी खरीद लक्ष्य को पूरा करने के लिए राष्ट्रीय एससी-एसटी केंद्र शुरू किया गया है।

आत्मनिर्भर भारत निधि: इस योजना से एमएसएमई क्षेत्र को 50,000 करोड़ रुपये की इक्विटी वित्तीय सहायता मिलने की उम्मीद है। यह इक्विटी समावेशन एमएसएमई को स्टॉक एक्सचेंजों में सूचीबद्ध करने का अवसर प्रदान करेगा।

खरीद नीति: एमएसई को विपणन सहायता प्रदान करने के लिए, सभी केंद्रीय मंत्रालयों/सरकारी विभागों और सीपीएसई को सार्वजनिक खरीद नीति के तहत एमएसई से वस्तु और सेवाओं की अपनी वार्षिक आवश्यकताओं का 25 फीसदी खरीदना आवश्यक है, इसमें एससी/एसटी के स्वामित्व वाले एमएसई से 4 फीसदी और महिला उद्यमियों के स्वामित्व वाले एमएसई से 3 फीसदी खरीदारी शामिल हैं।

उद्यम विकास केंद्रों की स्थापना: एमएसएमई से संबंधित सूचना एक ही स्थान पर उपलब्ध कराने की एक सोच से उद्यम विकास केंद्रों (EDC) की परिकल्पना की गई है। अब तक एमएसएमई मंत्रालय ने पूरे भारत में 102 EDC स्थापित किए हैं। इन केंद्रों का उद्देश्य मौजूदा और साथ ही इच्छुक एमएसएमई को निरंतरता के आधार पर ग्रामीण उद्यमों पर विशेष ध्यान देने के साथ पेशेवर सलाह व सहायक सेवाएं प्रदान करके उद्यमी लीडर्स का एक नेटवर्क बनाना है।