मृत क्षेत्र

  • 26 Oct 2021

सम्पूर्ण ग्रह में जल निकाय धीरे-धीरे 'मृत क्षेत्रों' या डेड जोन (Dead Zones) में बदल रहे हैं। उर्वरकों में उपयोग किया जाने वाला रासायनिक रूप से संश्लेषित नाइट्रोजन (chemically synthesized nitrogen) महासागरों, नदियों और झीलों को 'मृत' बना रहा है।

  • मृत क्षेत्र जल निकायों में ऐसे क्षेत्र हैं, जहां जलीय जीव ऑक्सीजन की कमी के चलते जीवित नहीं रह सकते हैं।
  • खेतों और कृषि भूमि में उपयोग किए जाने वाले उर्वरक जल निकायों में चले जाते हैं तो वे शैवाल के विकास को उत्प्रेरित करते हैं।
  • जल निकायों में पोषक तत्वों की अधिकता सुपोषण या 'यूट्रोफिकेशन' (eutrophication) मृत क्षेत्रों के निर्माण का प्रमुख कारण है। अतिरिक्त नाइट्रोजन और फास्फोरस थोड़े समय में शैवाल के अतिवृद्धि का कारण बनते हैं, जिसे शैवाल प्रस्फुटन (Algal blooms) भी कहा जाता है।
  • जब शैवाल मर जाते हैं तो वे जल निकाय के तल में बैक्टीरिया के लिए एक समृद्ध खाद्य स्रोत प्रदान करते हैं, जो विघटित होने पर आसपास के पानी से घुलित ऑक्सीजन का उपभोग करते हैं, जिससे समुद्री जीवों से आपूर्ति कम हो जाती है।
अनुमानों के अनुसार लगभग 10% या अधिक महासागर अब मृत क्षेत्र हैं। इस साल मैक्सिको की खाड़ी का मृत क्षेत्र अब तक का सबसे बड़ा मृत क्षेत्र दर्ज किया गया, जो लगभग 16,400 वर्ग किलोमीटर में फैला था।