बकरी के सिर वाली योगिनी मूर्ति

  • 19 Jan 2022

संस्कृति मंत्री जी किशन रेड्डी ने 15 जनवरी, 2022 को घोषणा की है कि उत्तर प्रदेश के बांदा के लोखरी गांव में एक मंदिर से अवैध रूप से हटाई गई 10वीं शताब्दी की ‘बकरी के सिर वाली योगिनी की पत्थर की मूर्ति’ (Stone idol of Goat Head Yogini) भारत को वापस की जा रही है।

(Image Source: PIB)

महत्वपूर्ण तथ्य: इससे पहले लंदन में भारतीय उच्चायोग ने 1980 के दशक के आसपास लोखरी में एक मंदिर से अवैध रूप से हटाई गई इस मूर्ति की बरामदगी और उसके स्वदेश भेजे जाने की घोषणा की।

  • एक बकरी के सिर वाली योगिनी की यह मूर्ति मूल रूप से बलुआ पत्थर में ‘पत्थर के देवताओं’ (stone deities) के एक समूह से संबंधित है।
  • यह पता चला है कि 1988 में लंदन के कला बाजार में कुछ समय के लिए यह मूर्तिकला सामने आई थी।
  • भारतीय उच्चायोग को यह मूर्ति लंदन के पास एक निजी आवास के बगीचे में मिली, जो लोखरी संग्रह के विवरण से मेल खाती थी।
  • 2013 में भारतीय दूतावास, पेरिस ने ‘भैंस के सिर वाली वृषणा योगिनी’ की एक ऐसी ही मूर्ति को बरामद किया था, जो निश्चित तौर पर लोखरी गांव के उसी मंदिर से चुराई गई थी।
  • योगिनियां ‘तांत्रिक पूजा पद्धति’ से जुड़ी शक्तिशाली ‘महिला देवताओं का एक समूह’ हैं। उन्हें एक समूह के रूप में पूजा जाता है, जिसमें अक्सर 64 होती हैं और माना जाता है कि उनके पास अनंत शक्तियां होती हैं।